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Latest News : सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनेगा हाई-टेक रोपवे

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Latest News : सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनेगा हाई-टेक रोपवे

सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनेगा हाई-टेक रोपवे, तीर्थयात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

उत्तराखंड में बन रही इस ऐतिहासिक रोपवे परियोजना का उद्देश्य (Kedarnath Dham) केदारनाथ धाम तक यात्रा को आसान, सुरक्षित और समयबद्ध बनाना है। यह रोपवे सोनप्रयाग से सीधे केदारनाथ तक जुड़ेगा और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से मुक्ति दिलाएगा

क्या-क्या बन रहा है?

  • 22 टावर: पूरी यात्रा को सहारा देने के लिए
  • 5 रोपवे स्टेशन: सोनप्रयाग, गौरीकुंड, बीच के स्थान, लिनचोली और केदारनाथ
  • 36 सीटों वाला गोंडोला सिस्टम: अत्याधुनिक तकनीक से युक्त, यात्रियों को मिलेगा आरामदायक अनुभव

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में श्रद्धालुओं की सुविधा और यात्रा को आसान बनाने के लिए (Sonprayag) सोनप्रयाग से केदारनाथ मंदिर तक अत्याधुनिक रोपवे बनने जा रहा है. लगभग 4,081 करोड़ रुपये की लागत से यह तैयार होगा. सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम की दूरी लगभग 21 किलोमीटर है, जिसे श्रद्धालु पैदल या खच्चर, डोली आदि के सहारे तय करते हैं. इस यात्रा में औसत 10 घंटे का समय लगता है. लेकिन रोपवे बनने के बाद यह दूरी घटकर 12.9 किलोमीटर रह जाएगी और यात्री केवल 40 मिनट में केदारनाथ धाम तक पहुंच सकेंगे.

इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की समयसीमा साल 2032 तय की गई है. इस परियोजना की शुरुआत मार्च-अप्रैल 2026 में होने की संभावना है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना का शिलान्यास 21 नवंबर 2022 को किया था और इसी वर्ष मार्च में केंद्रीय कैबिनेट ने इसे औपचारिक मंजूरी दी थी. इस मार्ग का प्रारंभिक सर्वे तीन वर्ष पूर्व किया गया था. अब अदाणी समूह अपने स्तर पर नया सर्वे करेगा.

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हर गोंडोला में 36 सीटें

इस परियोजना में तकनीकी रूप से कई आधुनिक विशेषताएं शामिल होंगी. रोपवे में दुनिया के पहले ट्राई-केबिल डिटैचेबल सिस्टम वाले 50 गोंडोला लगाए जाएंगे. हर गोंडोला में 36 सीटें होंगी और यह रोजाना 11 घंटे तक संचालित रहेगा. इसके माध्यम से 36 मिनट में करीब 1,800 यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ तक आ-जा सकेंगे.

22 टावर और 5 स्टेशन होंगे

पूरा रोपवे मार्ग 22 टावर और 5 प्रमुख स्टेशनों से होकर गुजरेगा — सोनप्रयाग, गौरीकुंड, चिरबासा, लिनचोली और केदारधाम. इनमें से चिरबासा और लिनचोली को तकनीकी स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा, जिनका उपयोग आपात स्थिति में भी किया जा सकेगा. यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखती है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना को भारत सरकार ने अदाणी समूह को सौंपा है.

सोनप्रयाग से केदारनाथ की चढ़ाई कितनी है?

दो मिनट के इस वीडियो में बताया गया है कि रोपवे की कुल लंबाई 12.9 किलोमीटर की होगी जो सोनप्रयाग से केदारनाथ को जोड़ेगा. इसके साथ ही इस कठिन यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर सिर्फ 36 मिनट रह जाएगा।

सोनप्रयाग से केदारनाथ के हेलीकॉप्टर का किड़ान कितने का है?

यह हेलीपैड सोनप्रयाग से लगभग 9 किलोमीटर और गुप्तकाशी से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। यह केदारनाथ के सबसे नज़दीक है। टिकट की कीमत फाटा से उड़ान भरने वालों के समान ही है—5000 रुपये वापसी और 2500 रुपये एक तरफ़ का

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