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Breaking News:First Round:सीट शेयरिंग के बिना थमा पहले चरण का नामांकन

Dhanarekha
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Breaking News:First Round:सीट शेयरिंग के बिना थमा पहले चरण का नामांकन

महागठबंधन में घमासान, 6 सीटों पर आपस में भिड़े

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण(First Round) के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन में अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। स्थिति यह है कि कांग्रेस को छोड़कर किसी भी अन्य सहयोगी दल ने अपने उम्मीदवारों की आधिकारिक लिस्ट तक जारी नहीं की। पिछले कई दिनों से दिल्ली से पटना तक शीर्ष नेताओं की कोशिशों के बावजूद, कांग्रेस और RJD समेत अन्य पार्टियों को मजबूरन बिना लिस्ट जारी किए ही सिंबल बांटकर नामांकन कराना पड़ा। इस अव्यवस्था का परिणाम यह हुआ कि गठबंधन के भीतर ही 6 महत्वपूर्ण सीटों पर कांग्रेस और RJD (या CPIML) के उम्मीदवार आमने-सामने खड़े हो गए हैं, जिससे गठबंधन की एकता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं

सहनी की राजनीतिक चाल और RJD का टिकट वितरण

महागठबंधन में चल रहे घमासान के बीच, VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने घोषणा की है कि वह इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि डिप्टी CM बनने के लिए महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने पर ज़ोर देंगे। उन्होंने कांग्रेस के राज्यसभा प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है। सहनी ने दरभंगा के गौराबौराम से अपने भाई संतोष सहनी को उम्मीदवार बनाया है और वह अपने प्रत्याशियों के लिए ही प्रचार करेंगे। दूसरी ओर, RJD ने भी टिकट वितरण में चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। RJD ने बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को लालगंज सीट से सिंबल दिया है, जबकि इसी सीट पर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। इससे पहले शिवानी शुक्ला ने खुद टिकट कटने की आशंका जताते हुए पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए थे।

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कांग्रेस में अंतर्कलह और अन्य उम्मीदवारों की स्थिति

सीट शेयरिंग के साथ ही कांग्रेस के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर भी असंतोष सामने आया है। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने अपनी ही पार्टी के टिकट वितरण पर सवाल उठाए हैं, खासकर बरबीघा सीट पर दिए गए टिकट को लेकर। कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट(First Round) जारी कर दी है, जिसमें कदवा से शकील अहमद और कुटुंबा से राजेश राम जैसे नाम शामिल हैं। दूसरी ओर, RJD के दानापुर सीट से उम्मीदवार, रीतलाल यादव ने पटना हाईकोर्ट से चार सप्ताह की रिहाई की मांग की है, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। महागठबंधन(First Round) के नेताओं की पटना से दिल्ली तक की माथापच्ची विफल रही है, जिससे 6 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बन गई है, जिसमें 5 पर कांग्रेस और RJD तथा एक पर CPIML और कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

नामांकन खत्म होने के बावजूद महागठबंधन में कितने सीटों पर सहयोगी पार्टियों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं?

महागठबंधन में 6 सीटों पर सहयोगी पार्टियों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, जिनमें से 5 सीटों पर कांग्रेस और RJD तथा 1 सीट पर CPIML और कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में हैं।

VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने इस बार चुनाव न लड़ने के साथ-साथ कौन सा बड़ा प्रस्ताव ठुकरा दिया है और उनकी राजनीतिक प्राथमिकता क्या है?

मुकेश सहनी ने कांग्रेस के राज्यसभा प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और उन्होंने स्पष्ट कहा है कि उन्हें राज्यसभा नहीं चाहिए, बल्कि डिप्टी CM बनना है।

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