मुंबई । भारत में क्रिकेटरों को वर्तमान में सक्रिय होने के दौरान विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं है। केवल संन्यास लेने के बाद ही खिलाड़ी विदेशी लीग में खेल सकते हैं। लेकिन पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का कहना है कि सक्रिय खिलाड़ियों को भी अन्य देशों की तरह विदेशी लीग में खेलने की सुविधा मिलनी चाहिए।
विदेशी लीग से मिलेगा विविध अनुभव
शास्त्री के अनुसार, सक्रिय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति मिलने से उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा और विभिन्न परिस्थितियों में खेलने का अनुभव मिलेगा। इससे युवा खिलाड़ी अपने कौशल को और निखार सकते हैं।
BCCI की वर्तमान पॉलिसी
वर्तमान में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) सक्रिय खिलाड़ियों को विदेशी T20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता। किसी भी खिलाड़ी को विदेशी लीग में भाग लेने से पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, घरेलू क्रिकेट और आईपीएल से संन्यास लेना होता है। इसके बाद ही उन्हें एनओसी (No Objection Certificate) मिलता है।
अश्विन के अनुभव ने खोला बहस का रास्ता
अनुभवी ऑफ स्पिनर आर अश्विन हाल ही में बिग बैश लीग (BBL) में शामिल हुए। इस अवसर के बाद शास्त्री ने कहा, “भारत एक बड़ा देश है, जहां हर खिलाड़ी को पर्याप्त अवसर नहीं मिलता। अगर कोई खिलाड़ी टेस्ट टीम में जगह नहीं बना पाता या IPL/घरेलू अनुबंध नहीं पा पाता, तो उसे विदेशी लीग में खेलने से क्यों रोका जाए?”
युवा खिलाड़ियों के लिए फायदे
शास्त्री ने कहा कि विदेशी लीग में खेलने से खिलाड़ी आईपीएल की तरह ही लाभ उठा सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा और पूर्व क्रिकेटरों के कोचिंग अनुभव से युवा खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने का मौका मिलेगा।
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