गोपालगंज: घर से ₹1 करोड़ कैश बरामद
- चुनाव से पहले गोपालगंज में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई।
- एक निजी आवास से ₹1 करोड़ से अधिक नकदी मिली।
- नोटों की गिनती अभी भी जारी है, काउंटिंग के लिए मशीनें बुलाई गईं।
बिहार में नाव को लेकर पुलिस और एजेंसियां अलर्ट हैं। गोपालगंज (Gopalganj) की थावे विधानसभा के कबिलासपुर गांव से पुलिस ने एक घर से 1 करोड़ रुपए जब्त किए हैं।
भोजपुर में चेकिंग के दौरान पुलिस ने बाइक की डिक्की से 50 लाख (50 lakh) रुपए कैश बरामद किया है। दोनों ही जगहों पर पैसों को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है।
इधर, बिहार पटना में शुक्रवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर संजीव कुमार के ठिकानों पर रेड की। छापेमारी के दौरान साढ़े 7 लाख रुपए कैश और ज्वेलरी मिली है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में ये कार्रवाई की गई। इसमें उनकी संपत्ति आय के स्रोतों से 44% अधिक पाई गई है।
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टीम ने संजीव कुमार के पटना स्थित ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। कंकड़बाग के इंदिरा नगर स्थित आवास और हज भवन के पास उनके ऑफिस में ये रेड की गई।
इस कार्रवाई में DSP स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में अलग-अलग टीम ने सुबह से ही अभियान चलाया। हालांकि रात 10 बजे के बाद टीम ने इस रेड की जानकारी दी है।
पुराना नाम क्या था बिहार का?
ऐसी कई चीज़ें हैं जो इस जगह को देखने लायक बनाती हैं। भारत के दो सबसे गौरवशाली राजवंश, मौर्य (321-185 ईसा पूर्व) और गुप्त (320 से 550 ईस्वी) प्राचीन बिहार क्षेत्र में फले-फूले, जिसे उस समय मगध के नाम से जाना जाता था।
बिहार का पहला जिला कौन सा था?
पूर्णिया का जिला भारत के सबसे पुराने जिलों में से एक है और यह ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा वर्ष 1770 में अस्तित्व में आया। जिले के नाम के बारे में कुछ दिलचस्प कहानियां हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, यह जगह पहले एक वन क्षेत्र था, इसलिए इसका नाम दो संस्कृत शब्द पूर्णिया (कुल) + अरन्य (जंगल) से उत्पन्न हुआ।
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