दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, शहर के कई इलाकों में एक्यूआई (AQI) ‘गंभीर’ या ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है, जिससे स्वास्थ्य के लिए खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने पानी के छिड़काव यंत्र लगाए हैं, लेकिन हवा की गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है।
गंभीर स्तर के क्षेत्र
सीपीसीबी के अनुसार, आनंद विहार में एक्यूआई 430 और अक्षरधाम में 426 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं। अशोक विहार (306), बवाना (309) और जहांगीरपुरी (318) में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। द्वारका सेक्टर 8 में 341 AQI रिकॉर्ड किया गया।
खराब वायु गुणवत्ता वाले अन्य क्षेत्र
चांदनी चौक में एक्यूआई 291, आईजीआई एयरपोर्ट पर 288, बारापुला फ्लाईओवर के पास 290 और आईटीओ के पास 284 दर्ज किया गया, जो सभी ‘खराब’ श्रेणी में आते हैं।
प्रशासनिक प्रयास
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने इंडिया गेट और अन्य इलाकों में पानी के छिड़काव यंत्र (मिस्ट स्प्रिंकलर) लगाए हैं। हालांकि, इंडिया गेट क्षेत्र का एक्यूआई 269 दर्ज किया गया है, जो अब भी ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
AQI में PM 2.5 क्या है?
सूक्ष्म कण पदार्थ (पीएम 2.5 ) वह प्रदूषक है जो विश्व स्तर पर स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है, तथा हर साल लाखों लोगों की मृत्यु का कारण बनता है। यह प्रदूषण कोयला जलाने वाले बिजली संयंत्रों, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन, औद्योगिक स्रोतों आदि से आता है।
सामान्य AQI मान कितना होना चाहिए?
100 या उससे कम AQI मान सामान्यतः संतोषजनक माने जाते हैं। जब AQI मान 100 से ऊपर होता है, तो वायु गुणवत्ता अस्वस्थ होती है: पहले कुछ संवेदनशील समूहों के लोगों के लिए, फिर AQI मान बढ़ने पर सभी के लिए। AQI को छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
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