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Latest Hindi News : डीआरडीओ का धमाका, नाग एमके-2 मिसाइल ने बढ़ाई दुश्मनों की मुश्किलें

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Latest Hindi News : डीआरडीओ का धमाका, नाग एमके-2 मिसाइल ने बढ़ाई दुश्मनों की मुश्किलें

नई दिल्ली,। देश और दुनिया में हालात लगातार बदल रहे हैं। इसे देखते हुए ग्लोबल लेवल (Global Level) पर कटिंग एज वेपन सिस्टम की डिमांड और घातक मिसाइल ( Fatal Missile) से लेकर मॉडर्न फाइटर जेट की मांग बढ़ गई है। घरेलू स्तर पर प्रोडक्शन के साथ ही इंपोर्ट भी किया जा रहा है।

आधुनिक हथियार प्रणालियों के विकास को मिली रफ्तार

टेक्नोलॉजी और मॉडर्न वेपन सिस्टम डेवलप करने की इस होड़ से भारत भी अछूता नहीं है। मिसाइल से लेकर फाइटर जेट, टैंक, एयर डिफेंस सिस्टम, लड़ाकू विमान आदि से जुड़े प्रोजेक्ट्स को रफ्तार दी जा रही है, ताकि राष्ट्रीय जरूरतों को देखते हुए उन्हें समय पर पूरा किया जा सके।

डीआरडीओ ने किया एनएजी एमके-2 मिसाइल का परीक्षण

इस दिशा में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने सफलता हासिल की है। डीआरडीओ ने एनएजी एमके-2 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इससे भारतीय सेना की ताकत में और वृद्धि होने की संभावना है। खासकर बॉर्डर इलाकों में दुश्मन के मूवमेंट पर प्रभावी तरीके से लगाम लगाने में सफलता मिलेगी।

स्वदेशी तकनीक से मिली नई ताकत

एनएजी एमके-2 गाइडेड मिसाइल ब्रह्मोस, अग्नि-5 और अमेरिकी टॉमहॉक से काफी अलग है। भारत ने स्वदेशी रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देश में विकसित हल्के टैंक ‘ज़ोरावर’ से एनएजी एमके-2 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम

इस परीक्षण ने न केवल भारत की उन्नत युद्धक क्षमता को प्रदर्शित किया है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और निर्णायक कदम बढ़ाया है। यह परीक्षण डीआरडीओ की देखरेख में किया गया। इस उपलब्धि के साथ भारत ने अपने बख्तरबंद युद्ध प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में अहम प्रगति की है।

रक्षा मंत्री ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ और इसके सहयोगी संगठनों को बधाई देते हुए कहा कि यह परीक्षण देश की तकनीकी क्षमता और जटिल हथियार प्रणालियों के स्वदेशी एकीकरण की दक्षता को प्रमाणित करता है।

तीसरी पीढ़ी की अत्याधुनिक मिसाइल

यह तीसरी पीढ़ी की सभी मौसमों में काम करने वाली “फायर एंड फॉरगेट” (दागो और भूल जाओ) मिसाइल है, जो प्रक्षेपण के बाद लक्ष्य पर लॉक हो सकती है। यह हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक वारहेड से लैस है और आधुनिक टैंकों को तबाह करने के लिए एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर का इस्तेमाल करती है।
एनएजी एमके-1 का रेंज 1.4 किलोमीटर है, जबकि एनएजी एमके-2 का रेंज 7 से 10 किलोमीटर तक होगा।

‘ज़ोरावर’ टैंक की डिजाइन और निर्माण प्रक्रिया

ज़ोरावर लाइट टैंक का डिजाइन और विकास डीआरडीओ के कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट, चेन्नई ने किया है, जबकि इसका निर्माण लार्सन एंड टुब्रो ने किया है। इस परियोजना में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बीच मजबूत समन्वय देखा गया है, जो भारत की रक्षा उद्योग में इनोवेशन का उत्कृष्ट उदाहरण है।

हर इलाके में तैनाती के लिए सक्षम टैंक

ज़ोरावर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह ऊंचाई वाले इलाकों से लेकर रेगिस्तानी क्षेत्रों तक में प्रभावी रूप से काम कर सके। भारी टैंकों की तुलना में इसका वजन कम है, जिससे यह कठिन और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में भी तैनात किया जा सकता है।

सटीकता और शक्ति का सफल प्रदर्शन

परीक्षण में ज़ोरावर ने एनएजी एमके-2 मिसाइल को सफलतापूर्वक दागा और सभी निर्धारित प्रदर्शन लक्ष्यों को हासिल किया। मिसाइल ने अपने सभी चरणों में सटीकता दिखाई — चाहे वह डायरेक्ट अटैक मोड हो या टॉप अटैक मोड। टेस्ट में टार्गेट को तबाह करने की क्षमता, फायरिंग रेंज और टैंक की गतिशीलता के सभी मानक पूरी तरह संतोषजनक रहे।

एनएजी एमके-2 : अपग्रेडेड और अधिक सटीक संस्करण

एनएजी एमके-2 मिसाइल डीआरडीओ की पहले से सिद्ध ‘नाग’ मिसाइल सीरीज का अपग्रेडेड वर्जन है। इसमें बेहतर इन्फ्रारेड सीकर, अधिक आर्मर पेनेट्रेशन क्षमता और हाई-प्रीसीजन वाली गाइडेंस सिस्टम शामिल है। यह मिसाइल आधुनिक बख्तरबंद खतरों से निपटने के लिए तैयार की गई है और भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

पूर्ण आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम

डीआरडीओ के अधिकारियों के मुताबिक, ज़ोरावर टैंक पर एनएजी एमके-2 मिसाइल सिस्टम का सफल इंटीग्रेशन यह दर्शाता है कि भारत अब डिजाइन, विकास, उत्पादन और परिचालन परीक्षण तक की पूरी रक्षा क्षमता में आत्मनिर्भर हो चुका है

DRDO का मुख्यालय कहाँ है?

डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह डीआरडीओ भवन, राजाजी मार्ग, नई दिल्ली-110011 पर है।

DRDO का वर्तमान अध्यक्ष कौन है?

डीआरडीओ के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत हैं। उन्हें रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव का पद भी संभाला हुआ है और उनका कार्यकाल 31 मई, 2026 तक बढ़ाया गया है। 

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