राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) स्थित भगवान अयप्पा मंदिर के दर्शन के समय जो सिर पर सफेद रंग की पोटली रखी थी उसे इरुमुडी कहा जाता है। यह केवल एक पोटली ही नहीं है बल्कि भक्त की यात्रा, तपस्या और आशाओं का प्रतीक मानी जाती है। ये सबरीमाला तीर्थयात्रा की एक पारंपरिक पोटली है, जो भक्त द्वारा सिर पर रखकर ले जायी जाती है।
इस पोटली में तीर्थयात्री के लिए व्यक्तिगत सामान और भगवान अयप्पा को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद, जैसे घी भरा नारियल, चावल और अन्य सामग्रियां होती हैं। सबरीमाला मंदिर की 18 पवित्र सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए इरुमुडी (Irumudi) ले जाना अनिवार्य होता है क्योंकि इसके बिना मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। चलिए जानते हैं इस परंपरा के बारे में विस्तार से यहां।
इरुमुडी का महत्व
इरुमुडी का मतलब होता है- इरु यानी दो और मुड़ी यानी गठरी या पोटली। यह माला धारण करने के बाद की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया मानी जाती है। इरुमुड़ी दो हिस्सों में बंटी होती है। इसके आगे का हिस्सा मुनमुडी कहलाता है, जिसमें भगवान अयप्पा और अन्य देवताओं के लिए प्रसाद रखे जाते हैं।
वहीं इसका पीछे का हिस्सा पिनमुडी कहलाता है, जिसमें यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सामान रहता है। जब इन दोनों गठरियों को एक साथ बांधा जाता है तो ये इस बात का प्रतीक है कि भक्त और भगवान अयप्पा अब अलग नहीं हैं। एक तरह से ये पोटली भक्त और भगवान के बीच अटूट संबंध को दर्शाती है।
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इरुमुडी में क्या-क्या चीजें रखी जाती हैं?
इरुमुडी कट्टू में घी वाला नारियल सबसे महत्वपूर्ण होता है। भक्त इसे भगवान अयप्पा को अर्पित करते हैं और पूजा के बाद खाली नारियल को अग्नि में डालते हैं। चलिए अब आपको बताते हैं कि इस पोटली में क्या-क्या चीजें रखी जाती हैं…
- मुद्रा नारियल
- घी
- कानी पोनू
- गोल्डन थाली और गोल्डन चूरी
- पान के पत्ते और सुपारी
- नारियल (पानी सहित) – 3 संख्या
- हल्दी पाउडर
- कुमकुम पाउडर
- चंदन पाउडर
- फूली हुई चावल (अरालु / मलर) – इसे पाउडर करके रखा जाता है
- विभूति पाउडर
- कपूर
- अगरबत्ती
- गुलाब जल
- चावल
- शहद
- गुड़ का टुकड़ा (अच्चु बेला)
- धान के दाने
- हल्दी की डाली
- काली मिर्च
- चीनी के क्रिस्टल (कल-सक्कर)
- मीठा चावल का गोला (अक्की उंडे)
सबरीमला में इरुमुडी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भक्त के आध्यात्मिक समर्पण को दर्शाता है। इरुमुडी बनाने की प्रक्रिया को संसारिक सुखों को छोड़कर आध्यात्मिक राह अपनाने के रूप में समझा जाता है। इसमें जो घी भरा नारियल रखा जाता है वो इस बात का प्रतीक है कि भक्त का मन संसारिक इच्छाओं से खाली हो रहा है और अब वह शुद्ध जीवन अपनाने के लिए तैयार है।
शबरीमला मंदिर का इतिहास क्या है?
सबरिमलय मंदिर (Sabarimala Temple) भारत के केरल राज्य के पतनमतिट्टा ज़िले में पेरियार टाइगर अभयारण्य के भीतर सबरिमलय पहाड़ पर स्थित एक महत्वपूर्ण मंदिर परिसर है। यह विश्व के सबसे बड़े तीर्थस्थलों में से एक है, और यहाँ प्रतिवर्ष 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर भगवान अय्यप्पन को समर्पित है।
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