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Latest Hindi News : युवाओं और साफ छवि वाले प्रत्याशियों पर दांव, अब फैसला वोटरों के हाथ में

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Latest Hindi News : युवाओं और साफ छवि वाले प्रत्याशियों पर दांव, अब फैसला वोटरों के हाथ में

पटना,। बिहार की राजनीति में इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। एनडीए (NDA) और महागठबंधन दोनों ने पुराने विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों और युवाओं पर दांव लगाया है। जनता की नाराजगी और एंटी-इंकम्बेंसी फैक्टर को देखते हुए दोनों गठबंधनों ने मिलकर करीब 27 फीसदी मौजूदा विधायकों को टिकट से वंचित कर दिया है।

एनडीए में टिकट कटौती और नई रणनीति

इस बार एनडीए ने सीट बंटवारे में सहयोगियों को बड़ा हिस्सा दिया है।

  • भाजपा और जदयू ने 10-10 सीटें अपने सहयोगियों को दी हैं, जबकि हम (Hindustan Awam Morcha) को 2 सीटें मिली हैं।
  • भाजपा ने बख्तियारपुर, मनेर, दरौली, बरौली, फतुहा और कहलगांव जैसी अहम सीटें सहयोगियों को सौंपी हैं।
  • जदयू ने भी बाजपट्टी, बेलसंड, कोचाधामन, महुआ, मढ़ौरा, तेघड़ा और नाथनगर जैसी परंपरागत सीटें छोड़ दी हैं।

भाजपा में सबसे ज्यादा टिकट कटे

एनडीए के भीतर टिकट कटौती की सबसे बड़ी लहर भाजपा (BJP) में दिखाई दी। पार्टी ने 17 मौजूदा विधायकों को टिकट से बाहर किया। इनमें प्रमुख नाम हैं — रामसूरत राय, जयप्रकाश यादव, निक्की हेम्ब्रम, नंदकिशोर यादव, अमरेंद्र प्रताप सिंह और रश्मि वर्मा। वहीं जदयू ने भी 8 पुराने विधायकों को हटाकर युवाओं को मौका दिया, जिनमें गोपाल मंडल, वीना भारती और दिलीप राय जैसे नाम शामिल हैं।

महागठबंधन में भी बड़ा फेरबदल

राजद और कांग्रेस ने भी टिकट बंटवारे में बड़ा बदलाव किया है।

  • राजद ने 31 मौजूदा विधायकों को टिकट से वंचित कर दिया है।
  • कांग्रेस ने 5 विधायकों की जगह नए उम्मीदवारों को उतारा है।
    राजद ने भरत बिंद, मोहम्मद कामरान, भीम यादव और किरण देवी जैसे पुराने चेहरों को हटाया है।
    कांग्रेस ने अपने हिस्से की सीटों में से 10 नए प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें शशांत शेखर, उमेर खान, ओम प्रकाश गर्ग और नलिनी रंजन झा प्रमुख हैं।

एनडीए में युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी

भाजपा ने इस बार 10 नए उम्मीदवारों को मौका दिया है, जिनमें मशहूर गायिका मैथिली ठाकुर, रत्नेश कुशवाहा, सुजीत कुमार सिंह और रमा निषाद शामिल हैं। जदयू ने 24 नए प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, जिनमें कविता साह, अतिरेक कुमार, अभिषेक कुमार और सोनम रानी सरदार चर्चा में हैं। वहीं लोजपा और वीआईपी ने भी अपने-अपने हिस्से की सीटों पर नए और युवा चेहरों को प्राथमिकता दी है।

बदलाव का चुनाव

बिहार में दोनों गठबंधनों के सीट बंटवारे और टिकट वितरण को देखकर यह स्पष्ट है कि यह चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि सियासी सोच बदलने का संकेत है।
पुराने विवादित चेहरों को बाहर कर और शिक्षित, युवा व साफ छवि वाले उम्मीदवारों को उतारकर एनडीए और महागठबंधन ने साफ संदेश दिया है —
“अब बदलाव ही जीत का मंत्र है।”

6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। तब तय होगा कि जनता को यह नया प्रयोग पसंद आया या पुराने समीकरण फिर से हावी रहेंगे।

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