नई दिल्ली । आज से दो दशकों पहले जो तकनीक केवल एक दुर्लभ प्रयोग थी, वह अब मॉडर्न दुनिया का ब्राह्मास्त्र बन चुकी है। इस तकनीक से तैयार हुआ एफ-22 रैप्टर (F-22 Rapter) दुनिया के सबसे खतरनाक फाइटर जेट में गिना जाता है। इस विमान के आगे कई बड़े हथियार असफल साबित हो जाते हैं।
स्टेल्थ तकनीक और रडार-अवशोषित डिजाइन
एफ-22 रैप्टर की एयरफ्रेम डिजाइन (Airframe Design) को रडार-अवशोषित सामग्री की कोटिंग और आयरन बॉल पेंट की विशेष परत और भी बेहतरीन बनाती है।
- यह कोटिंग रडार तरंगों को परावर्तित करने के बजाय उन्हें सूक्ष्म मात्रा में ऊष्मा में बदल देती है।
- विमान के थ्रस्ट वेक्टरिंग नोजल इसे अविश्वसनीय एजिलिटी और इन्फ्रारेड डिटेक्शन से बचाव देते हैं।
सुपरसोनिक स्टील्थ और एयर डॉमिनेंस
एफ-22 रैप्टर एक दोहरे इंजन वाला जेट-संचालित हाईटेक विमान (high tech aircraft) है, जो सभी मौसमों में कार्य करने में सक्षम है।
- इसकी स्टेल्थ विशेषता इसे हवा में मानो अदृश्य बना देती है।
- विमान का हर किनारा, पंख और इनटेक रडार तरंगों को रिसीवर की ओर नहीं परावर्तित करता, बल्कि उन्हें दूर बिखेर देता है।
- इसके दांतेदार किनारे और कोणीय पिछला भाग रडार रिफ्लेक्शन को न्यूनतम करने में मदद करते हैं।
- मूल्य और उत्पादन की चुनौतियांएफ-22 रैप्टर की अत्याधुनिक तकनीक इसकी कीमत और रख-रखाव को बहुत महंगा बनाती है।
अमेरिका ने इसका उत्पादन 2011 में बंद कर दिया।
- इसके बजाय एक्सपोर्ट फ्रेंडली हथियारों को बढ़ावा दिया गया।
विश्व की सैन्य महाशक्ति में अहम भूमिका
एफ-22 रैप्टर अमेरिका में तैयार किया गया था और आज भी यह विमान एयर डॉमिनेंस का मास्टरपीस माना जाता है। इसकी बेजोड़ स्टेल्थ क्षमता और तकनीकी श्रेष्ठता इसे दुनिया के सबसे खतरनाक और प्रभावशाली लड़ाकू विमानों में शामिल करती है।
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