अगरतला: त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां (BSF) बीएसएफ के 5 जवानों पर संदिग्ध पशु तस्करों ने हमला कर दिया है। इस घटना में पांचों बीएसएफ के जवान घायल हो गए हैं। खबर ये भी है कि बीएसएफ के एक वाहन में भी तोड़फोड़ की गई है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस ने शनिवार को बताया कि संदिग्ध मवेशी तस्करों के हमले में बीएसएफ के पांच (javaan ghaayal) जवान घायल हैं और उन पर शुक्रवार शाम बिशालगढ़-कमठाना रोड पर भारत-बांग्लादेश सीमा के पास हमले को अंजाम दिया गया है। इस दौरान बीएसएफ के एक वाहन में भी तोड़फोड़ की गई है।
पुलिस ने क्या बताया?
बिशालगढ़ पुलिस थाना प्रभारी विकास दास ने कहा, ‘‘कमठाना सीमा चौकी पर तैनात बीएसएफ कर्मियों ने एक वाहन को रुकने का इशारा किया लेकिन चालक वाहन को स्थानीय पशु बाजार की ओर भगा ले गया। बीएसएफ कर्मी वाहन का पीछा करते हुए पशु बाजार तक पहुंच गए। वहां पशु तस्करों एवं बीएसएफ कर्मियों के बीच बहस हुई जो बढ़ गई और फिर पशु तस्करों ने हमला कर दिया। इस हमले में पांच कर्मी घायल हो गए और उनके वाहन में तोड़फोड़ की गई।’’
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इस मामले में गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान चलाया गया है और पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है। इस मामले में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें बीएसएफ का जवान ये कहता हुआ नजर आ रहा है कि उन पर जब हमला हुआ तो मौजूद लोगों में किसी ने भी आपत्ति नहीं जताई और ना ही हस्तक्षेप किया।
इस मामले के सामने आने के बाद ये सवाल जरूर उठता है कि क्या हमारे जवानों के प्रति हमारी आस्था कम हो गई है? क्या मौके पर कोई ऐसा शख्स मौजूद नहीं था, जो जवानों के ऊपर हुए हमले के दौरान आपत्ति जताता? सवाल ये भी है कि पशु तस्करों के हौसले इतने बुलंद कैसे थे कि उन्होंने बीएसएफ के जवानों पर हमला किया।
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) का इतिहास क्या है?
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की स्थापना 1 दिसंबर 1965 को हुई थी। BSF एक अर्धसैनिक बल है, जो शांति काल के दौरान भारत की सीमा की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए जिम्मेदार है। BSF की स्थापना पाकिस्तान के साथ 1965 में हुए युद्ध के बाद देश की सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी।
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