दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में कानपुर का एक और कनेक्शन सामने आया है. (Dr. Shaheen) डॉ. शाहीन से लगातार संपर्क में रहने वाले डॉ. आरिफ को एटीएस ने बुधवार देर रात पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ लगातार डॉ. शाहीन से बात कर रहा था. कानपुर मेडिकल कॉलेज के बाद अब कार्डियोलॉजी विभाग भी एटीएस के रडार पर है।
दिल्ली में हुए आतंकी हमले की साजिश से जुड़े मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को फरीदाबाद से एक महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद कोई साधारण चिकित्सक नहीं, बल्कि कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) की पूर्व प्रोफेसर और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिला विंग की कथित प्रमुख हैं. जांच में खुलासा हुआ कि वह भारत में महिला आतंक ब्रिगेड गठित करने की फिराक में थी।
डॉ. शाहीन ने 2006 में जीएसवीएम के फार्माकोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाला था।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन ने 2006 में जीएसवीएम के फार्माकोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाला था. यूपीपीएससी (UPPSC) से चयनित होने के बाद वह 2013 तक प्रोफेसर रहीं. 2009 में छह महीने के लिए उनका कन्नौज मेडिकल कॉलेज में तबादला हुआ, लेकिन 2010 में वे फिर से कानपुर लौट आईं।
कॉलेज रिकॉर्ड के मुताबिक, 2013 में वह अचानक बिना सूचना दिए अनुपस्थित हो गईं. प्रशासन ने कई नोटिस भेजे और सहकर्मियों ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अंततः 2021 में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।
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सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन से संपर्क में रहने वाले डॉ. आरिफ मोहम्मद को एटीएस ने बुधवार रात को हिरासत में लिया है. डॉ. आरिफ कार्डियोलॉजी में एमडी की पढ़ाई कर रहा था. जानकारी के मुताबिक, उसने नीट 2024 के माध्यम से दाखिला लिया था. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ लगातार डॉ. शाहीन से संपर्क में था और उनसे एसएमएस के ज़रिए बातचीत करता था।
डॉ. आरिफ मूल रूप से कश्मीर का निवासी है
डॉ. आरिफ मूल रूप से कश्मीर का निवासी है और कानपुर में एक कमरा किराए पर लेकर रह रहा था. जानकारी के अनुसार, कुल सात छात्र ऐसे हैं जो कश्मीर से हैं और कार्डियोलॉजी विभाग में पढ़ाई कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, डॉ. आरिफ ने बुधवार को भी आपातकालीन (इमरजेंसी) ड्यूटी की थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एटीएस ने डॉ. आरिफ को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि डॉ. आरिफ मात्र तीन महीने पहले ही विभाग में शामिल हुआ था और वह कार्डिएक मेडिसिन विभाग में पढ़ाई कर रहा था. उन्होंने एटीएस द्वारा डॉ. आरिफ को ले जाने की पुष्टि की है।
भारत में बम विस्फोट कब हुआ था?
पटना सिलसिलेवार बम धमाके 27 अक्टूबर 2013 को पटना शहर में गान्धी मैदान और पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हुए।
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