Bangladesh Violence : बांग्लादेश में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मामले में सोमवार को आने वाले फैसले से पहले राजधानी ढाका में सुरक्षा व्यवस्था चरम पर पहुंच गई है। इसी बीच रविवार को शहर के कई इलाकों में कच्चे बम धमाकों और आगज़नी की घटनाओं ने हालात को और गंभीर बना दिया। पुलिस ने हिंसक भीड़ पर नियंत्रण के लिए अधिकारियों को “देखते ही गोली चलाने” की अनुमति दे दी है।
रॉयटर्स से मिली जानकारी के मुताबिक, ढाका के कई हिस्सों में रविवार को कच्चे बम फटे। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन लगातार हो रही अशांति ने शहर में डर और तनाव को बढ़ा दिया है। पिछले कई दिनों से राजधानी में छिटपुट हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही हैं, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियों ने रातभर सतर्कता बढ़ा दी है।
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78 वर्षीय शेख हसीना पर 2024 के मध्य में छात्र प्रदर्शनों पर कार्रवाई का आदेश देने के आरोप हैं, जिसे “मानवता के खिलाफ अपराध” की श्रेणी में रखा गया है। हसीना सभी आरोपों को नकार चुकी हैं और पिछले वर्ष अगस्त में सत्ता से हटाए जाने के बाद से भारत में रह रही हैं। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल–बांग्लादेश (ICT-BD) के सोमवार को आने वाले निर्णय से पहले हालात और संवेदनशील हो गए हैं, खासकर इसलिए क्योंकि अभियोजन पक्ष ने मृत्युदंड की मांग की है।
शनिवार देर रात असामाजिक तत्वों ने एक पुलिस स्टेशन के भीतर रखे वाहन डंपिंग कॉर्नर में आग लगा दी। इसके अलावा, अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस की सलाहकार समिति के एक सदस्य के घर के बाहर दो कच्चे बम फोड़े गए। ढाका के कई चौराहों पर भी धमाकों की सूचना मिली।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) कमिश्नर SM सज्जात अली ने कहा,
“मैंने वायरलेस पर साफ निर्देश दिया है कि अगर कोई व्यक्ति बस में आग लगाता है या किसी को मारने की नीयत से कच्चा बम फेंकता है, तो उसे देखते ही गोली मार दी जाएगी। (Bangladesh Violence) हमारे कानून में इसका स्पष्ट प्रावधान है।”
10 नवंबर से ढाका में लगातार सुबह-सवेरे हमलों की श्रृंखला जारी है। इनमें मिरपुर स्थित ग्रामीण बैंक मुख्यालय के बाहर कच्चे बम फोड़ने की घटना भी शामिल है—यही बैंक नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर यूनुस ने स्थापित किया था। कई शाखाओं पर समन्वित ढंग से पेट्रोल बम और आगज़नी के हमले भी किए गए हैं।
फैसले की घड़ी नज़दीक आने के साथ ही बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव और बढ़ता जा रहा है, जबकि सुरक्षा बल पूर्ण सतर्कता पर हैं।
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