नई दिल्ली । कुछ ही दिनों में कड़ाके की सर्दी शुरू हो जाएगी। सर्दी से बचाव के लिए आयुर्वेद में सूर्य भेदन प्राणायाम (Surya Bhedan Pranayama) महत्वपूर्ण बताया गया है, जिसके अभ्यास से अत्यधिक ठंड से राहत मिल सकती है। आयुष मंत्रालय सूर्यभेदन नाम के प्राणायाम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इसे ठंड से लड़ने का प्राकृतिक उपाय बताता है।
क्या है सूर्य भेदन प्राणायाम?
मंत्रालय के अनुसार, सूर्य का अर्थ सूर्य और पिंगला नाड़ी से है, जबकि भेदन का मतलब भेदन करना या सक्रिय करना। यह प्राणायाम दाहिनी नासिका से सांस लेकर पिंगला नाड़ी (Pingla Nadi) में प्राण शक्ति जगाता है, जिससे शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह त्रिदोष असंतुलन से होने वाले रोगों को नष्ट करता है और साइनस को साफ रखता है।
र्दियों में क्यों है खास?
ठंड में शरीर सुस्त पड़ जाता है, जिससे इम्यूनिटी (Immunity) कमजोर हो सकती है। सूर्यभेदन प्राणायाम शरीर की आंतरिक अग्नि को प्रज्वलित कर बॉडी हीट बढ़ाता है, जिससे सर्दी-जुकाम, कफ, दमा जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और मानसिक स्पष्टता लाता है।
कैसे करें सूर्य भेदन प्राणायाम?
- शांत जगह पर पद्मासन, सुखासन या वज्रासन में बैठें।
- रीढ़ सीधी और आंखें बंद रखें।
- दाहिने हाथ से नासाग्र मुद्रा बनाएं।
- बाईं नासिका बंद कर दाहिनी से सांस लें।
- दोनों बंद कर कुंभक करें।
- फिर दाहिनी बंद कर बाईं से सांस छोड़ें।
- 5–10 बार दोहराएं।
- सुबह खाली पेट या शाम को करें।
सूर्य भेदन प्राणायाम के लाभ
- पाचन अग्नि मजबूत, अपच व वात में राहत
- रक्त शुद्ध, ब्लड प्रेशर नियंत्रित
- इम्यूनिटी बढ़ती है
- थायरॉइड, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज में लाभ
- त्वचा निखरती है
- सर्दी-जुकाम, कफ, अस्थमा, साइनस, निमोनिया में राहत
- तनाव कम और एकाग्रता बढ़ती है
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