नई दिल्ली। अपनी बेहतर कार्यप्रणाली के कारण चर्चा में रहने वाले जालौन (Jalaun) के डीएम राजेश कुमार पांडेय को राष्ट्रपति अवार्ड (President’s Award) मिला है। वर्षों से सूखी पड़ी नून नदी को पुनर्जीवित करने की पहल करने वाले डीएम राजेश कुमार पांडेय को नई दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया। कई जनपदों में विभिन्न पदों पर तैनाती के दौरान उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके पहले भी उनकों सरकारी और गैर सरकारी कई पुरस्कार मिल चुका है।
यूपी के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले है राजेश कुमार पांडेय
यूपी के सुल्तानपुर जिले के लंभुआ के होलापुर निवासी एवं वर्तमान में जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पांडेय को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया। जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय को “जल संचय जन भागीदारी 1.0 अवार्ड” से विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया है। डीएम को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न व दो करोड़ रुपये का पुरस्कार स्वरूप दिए गए हैं। उन्होंने वर्षों से गायब नून नदी को पुनर्जीवित करने के लिए जन आंदोलन चलाया था। इससे जिले को जलसंरक्षण में तीसरा स्थान मिला था।

डीएम के प्रयास से सूखाग्रस्त इलाकों में जलस्तर बढ़ा
बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित जिला जालौन में जल संरक्षण की दिशा में डीएम ने जन भागीदारी पर आधारित मॉडल विकसित कर तस्वीर बदल दी। उन्होंने न केवल सरकारी स्तर पर बल्कि व जनआंदोलन को जनता से जोड़कर व्यापक अभियान चलाया। उनकी नेतृत्व क्षमता व जनता के जुड़ाव ने जल संरक्षण अभियान में शीर्ष सूची में अपना नाम दर्ज कराया। डीएम के कार्यकाल में जिले में बड़े पैमाने पर चेकडेम, रैन वाटर हार्वेस्टिंग, तालाबों का सुंदरीकरण, जल भंडारण संरचनाओं का निर्माण किया गया। उनके इन प्रयासों से पानी की बचत बढ़ी और जल स्तर भी बढ़ा।
जल संरक्षण जन आंदोलन के तहत गांवों में देखने को मिला
बारिश के पानी के संरक्षण से सिंचाई की स्थिति बेहतर हुई है। डीएम ने बताया कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार उन्हें वाटर हार्वेस्टर व वाटर रिर्चाजिंग को लेकर दिया गया है। कोंच तहसील के ग्राम सतोह से शुरू होने वाली 83 किलोमीटर लंबी नून नदी वर्षों से सूखी पड़ी थी। नदी के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो गया था। इसके लिए डीएम राजेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में इसे पुनर्जीवित करने की ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की गई। जिलाधिकारी ने इसके लिए जन भागीदारी आंदोलन चलाया। इसमें जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी प्रतिभाग किया और उनकी जन भागीदारी आंदोलन के कारण आज 83 किलोमीटर लंबी नून नदी पुनर्जीवित हो गई है। इससे किसानों को पानी की अब समस्या नहीं रह गई है। किसान इस नून नदी के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी ले रहे हैं।
बडे भाई ओपी पांडेय भी प्रदेश पुलिस सेवा के अधिकारी
वर्ष 2000 में उप जिलाधिकारी के रूप में राजेश कुमार पांडेय जौनपुर में कार्य कर चुके हैं। उस समय जिलाधिकारी के के उपाध्याय ने इन्हें नजारत सहित 4-5 विभागों का चार्ज दे रखा था। जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय के बड़े भाई ओपी पांडेय भी पुलिस अधिकारी रहे है। वे उत्तर-प्रदेश के कौशांबी, इलाहाबाद, गाजीपुर , जौनपुर आदि जिलों में पुलिस उपाधीक्षक नगर और अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण भी रह चुके हैं।
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