Modi Carney meeting : भारत और कनाडा ने लंबे समय से चले आ रहे तनाव को पीछे छोड़ते हुए, उच्च-स्तरीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) पर फिर से बातचीत शुरू करने का फैसला किया है। यह बड़ा राजनयिक कदम जोहान्सबर्ग में हुए G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात के बाद सामने आया।
CEPA वार्ताएं पहली बार 2010 में शुरू हुईं और 2022 में दवाइयों, महत्वपूर्ण खनिजों, पर्यटन, (Modi Carney meeting) नवीकरणीय ऊर्जा और शहरी अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई थी। लेकिन 2023 में कनाडा ने इन वार्ताओं को अचानक रोक दिया था। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ एक महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते के लिए फिर से आगे बढ़ रहे हैं। साथ ही सिविल न्यूक्लियर सहयोग और दीर्घकालिक यूरेनियम आपूर्ति पर भी चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं।
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पिछले कुछ वर्षों में खालिस्तानी चरमपंथियों की गतिविधियों को लेकर भारत की चिंता और कनाडा में हुए राजनीतिक आरोपों ने रिश्तों को बेहद नुकसान पहुंचाया था। विशेषकर 2023 में पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों के बाद दोनों देशों के रिश्ते लगभग ठप हो गए थे। लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा की मंत्री अनिता आनंद के बीच कई दौर की बैठकों के बाद विश्वास बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई। अक्टूबर 2025 में दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों के पूरी तरह सामान्य होने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि भारत–कनाडा–ऑस्ट्रेलिया ACTI साझेदारी स्वच्छ ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में बड़े अवसर पैदा करेगी। PM मोदी के साथ मुलाकात में CEPA के साथ-साथ इस नई त्रिपक्षीय पहल पर भी जोर दिया गया।
CEPA बातचीत दोबारा शुरू होने के साथ, भारत और कनाडा फिर से एक मजबूत रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले महीने यह तय करेंगे कि यह राजनीतिक बदलाव वास्तविक और स्थायी उपलब्धियों में बदलता है या नहीं।
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