अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के जरिए ‘संकल्प सिद्धि’ के लिए रामनगरी (Ramnagari) पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। जयश्रीराम, जय जय हनुमान के गगनभेदी नारों संग अयोध्यावासियों ने प्रधानमंत्री के काफिले पर पुष्पवर्षा भी की। श्रीराम की अयोध्या (Ayodhya) ने प्रधानमंत्री का पूरे रास्ते में अभूतपूर्व स्वागत किया। वहीं स्वागत से अभिभूत प्रधानमंत्री ने भी हाथ हिलाकर अयोध्यावासियों का अभिवादन किया। अयोध्या पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
अयोध्यावासियों के एक हाथ में भगवा ध्वज तो दूसरे में तिरंगा
प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह अयोध्या पहुंचे। साकेत महाविद्यालय पर उनका हेलीकॉप्टर उतरा। वहां से काफिले संग टेढ़ी बाजार होते हुए उन्होंने श्रीराम मंदिर परिसर में प्रवेश किया। इस दौरान अयोध्यावासियों ने गगनभेदी नारों संग उनका स्वागत किया। अयोध्यावासी एक हाथ में भगवा ध्वज तो दूसरे हाथ में तिरंगा फहराते हुए प्रधानमंत्री का स्वागत करते रहे। प्रधानमंत्री ने भी पूरे रास्ते में हाथ हिलाकर अयोध्यावासियों का अभिवादन किया।
सप्त मंदिरों में झुकाया शीश, की पूजा-अर्चना
नरेंद्र मोदी ने सप्त मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। मंदिर परिसर में महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह्य और माता शबरी मंदिर में पहुंचकर प्रधानमंत्री ने शीश झुकाया। प्रधानमंत्री ने शेषावतार मंदिर व माता अन्नपूर्णा मंदिर में भी दर्शन-पूजन किया।

पीएम व सर संघ चालक ने रामलला के दरबार में झुकाया शीश
श्री राम मंदिर परिसर में राम दरबार पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दर्शन-पूजन व आरती की। यहां पुजारियों ने तीनों विशिष्टजनों को राम नामी गमछा ओढ़ाया व प्रसाद दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत ने विधिविधान से पूजन-अर्चन कर रामलला का भी आशीर्वाद प्राप्त किया।
राम मंदिर का इतिहास क्या है?
इस मंदिर का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है और भारतीय धार्मिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक परंपरा में गहरा स्थान रखता है।
मुख्य बिंदु:
- पौराणिक मान्यता: माना जाता है कि अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है, जो त्रेतायुग में राजा दशरथ के पुत्र के रूप में जन्मे।
- प्राचीन मंदिर: इतिहासकारों के अनुसार, इस स्थान पर कई शताब्दियों से राम मंदिर के अस्तित्व के साक्ष्य मिलते हैं।
- 1528 ई.: मुगल शासक बाबर के सेनापति मीरबाकी द्वारा यहाँ पर स्थित मंदिर के स्थान पर मस्जिद (बाबरी मस्जिद) बनवाई गई।
- 1853–1949: मंदिर-मस्जिद विवाद समय–समय पर उभरता रहा।
- 1949: मस्जिद के अंदर भगवान राम की प्रतिमाएँ प्रकट होने से स्थल विवाद और गहरा हुआ।
- 1992: बाबरी ढांचा गिरा और विवाद सर्वोच्च न्यायालय तक पहुँचा।
- 2019: सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया कि पूरा विवादित स्थल रामलला विराजमान का है, और सरकार को वहाँ राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया।
- 2020: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण का शुभारंभ।
- 22 जनवरी 2024: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई।
राम मंदिर कहाँ स्थित है?
उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित अयोध्या शहर के ‘राम जन्मभूमि परिसर’ में बना है।
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