44 सांसदों ने मानवाधिकार हनन को लेकर विदेश मंत्री को लिखा पत्र
वाशिंगटन: अमेरिकी संसद के 44 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को एक कड़ा पत्र लिखकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और खासकर आर्मी चीफ आसिम मुनीर(Asim Munir) पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है। डेमोक्रेटिक सांसद प्रमिला जयपाल(Pramila Jaipal) और ग्रेग कासर के नेतृत्व में लिखे गए इस पत्र में सांसदों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में तानाशाही बढ़ रही है और सैन्य-समर्थित सरकार बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन कर रही है।
सांसदों ने चिंता व्यक्त की है कि पत्रकारों को धमकाया, अगवा किया जा रहा है, और सरकार की आलोचना करने पर उनके परिजनों को भी निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने वर्जीनिया(Virginia) के पत्रकार अहमद नूरानी के भाइयों के अपहरण और संगीतकार सलमान अहमद के जीजा के अपहरण जैसी घटनाओं का भी हवाला दिया है, जिन्हें अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद छोड़ा गया था।
चुनाव में धांधली और सैन्य अदालतों पर चिंता
सांसदों ने अपने पत्र में 2024 के आम चुनावों में हुई बड़े पैमाने पर धांधली का विशेष रूप से उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि ‘पट्टन रिपोर्ट’ जैसी स्वतंत्र पाकिस्तानी संस्थाओं ने इन गड़बड़ियों का दस्तावेजीकरण किया है, और अमेरिकी विदेश विभाग ने भी इस पर चिंता जताते हुए पूरी जांच की मांग की थी। सांसदों ने स्पष्ट किया कि इन धांधली वाले चुनावों के माध्यम से एक “कठपुतली सरकार” बनाई गई है, जिसे असल में सेना चलाती है। सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर जताई गई है कि सेना के दबाव में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों के मुकदमों को सैन्य अदालतों में चलाने का फैसला सुनाया है। इससे न्यायपालिका पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में आ गई है, और अत्याचार करने वाले अधिकारियों को सजा मिलने का कोई रास्ता नहीं बचा है।
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संभावित प्रतिबंध और इमरान खान की रिहाई की मांग
सांसदों के अनुसार, आसिम मुनीर(Asim Munir) और शहबाज़ शरीफ सहित वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों पर अमेरिकी कानून के तहत दो प्रमुख प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। पहला, वीजा बैन जिसके तहत उन्हें और उनके परिवारों को अमेरिका में प्रवेश से रोका जा सकता है।
दूसरा, संपत्ति ज़ब्ती, जो ग्लोबल मैग्निट्सकी एक्ट के तहत मानवाधिकार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उनकी अमेरिकी या अमेरिकी प्रभाव वाले क्षेत्रों में स्थित संपत्ति और वित्तीय लेन-देन पर रोक लगा सकता है। सांसदों ने अमेरिका से यह आग्रह भी किया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग करे। उन्होंने प्रशासन से सख्त कदम उठाने का आग्रह किया ताकि मानवाधिकारों के प्रति अमेरिका की जवाबदेही बनी रहे और पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय दमन से बचाया जा सके।
44 अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को पत्र क्यों लिखा है?
44 अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर(Asim Munir) और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए पत्र लिखा है। उनका मुख्य आरोप यह है कि पाकिस्तान में सैन्य-समर्थित सरकार के नेतृत्व में मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन हो रहा है, तानाशाही बढ़ रही है, और अमेरिकी नागरिकों तथा उनके पाकिस्तानी रिश्तेदारों को भी धमकाया और अगवा किया जा रहा है।
अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान के अधिकारियों पर कौन से दो प्रमुख प्रतिबंध लगाने की बात कही है, और वे किस कानून के तहत संभव हैं?
सांसदों ने वीजा बैन (अमेरिका में यात्रा पर पूर्ण रोक) और संपत्ति ज़ब्ती (अमेरिका या अमेरिकी प्रभाव वाले देशों में संपत्ति और बैंक खातों पर रोक) लगाने की बात कही है। संपत्ति ज़ब्ती का प्रतिबंध ग्लोबल मैग्निट्सकी एक्ट के तहत लगाया जा सकता है, जो मानवाधिकार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आर्थिक दबाव डालने की अनुमति देता है।
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