महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा अब दिल्ली (Delhi) की एक नई सुरक्षा कंपनी संभालेगी। वर्तमान में सुरक्षा देख रही क्रिस्टल कंपनी (Crystal Company) का अनुबंध समाप्त हो रहा है, जिसके बाद मंदिर समिति ने नया टेंडर जारी कर दूसरी कंपनी का चयन किया है।
नई कंपनी लगभग 1000 गार्डों की टीम के साथ सुरक्षा का कार्यभार संभालेगी, जो क्रिस्टल कंपनी की 700 गार्डों वाली टीम से कहीं अधिक है। मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, कंपनी को औपचारिक रूप से ठेका दे दिया गया है और जल्द ही शर्तों के आधार पर अंतिम अनुबंध किया जाएगा।
इस बार सुरक्षा अनुबंध में कुछ महत्वपूर्ण नई शर्तें जोड़ी गई हैं। पहली बार मंदिर परिसर में हथियारबंद गार्डों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा कंपनी को उन्नत सुरक्षा उपकरणों—जैसे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (Frame Metal Dedector) हैंड मेटल डिटेक्टर, वॉकी-टॉकी और अन्य अत्याधुनिक संसाधनों के साथ उच्च प्रशिक्षित गार्ड उपलब्ध कराने होंगे। यह व्यवस्था बढ़ती भीड़ और सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
नए साल पर भारी भीड़ की तैयारी
उज्जैन प्रशासन और मंदिर समिति ने अनुमान लगाया है कि 1 जनवरी 2026 को लगभग 15 लाख श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। पिछले वर्ष 1 जनवरी 2025 को करीब 10 लाख भक्तों ने दर्शन किए थे। नए साल, महाशिवरात्रि और अन्य विशेष अवसरों पर यहां हमेशा बड़ी भीड़ उमड़ती है, इसीलिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।
उज्जैन में रात के समय कोई सीएम क्यों नहीं रुकता है?
उज्जैन में कोई क्यों नहीं रुकता, इसके पीछे धार्मिक मान्यता यह है कि यहां के एकमात्र राजा भगवान महाकाल हैं, और उनके समक्ष कोई अन्य राजा या शासक रात में नहीं रुक सकता। यह मान्यता कई सदियों पुरानी है और इसका मुख्य कारण यह है कि जो भी शासक यहां रुकता है, उसे या तो अपनी सत्ता गंवानी पड़ती है या उसके जीवन में संकट आ जाता
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