मुंबई । बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा (Richa Chhada) आज अपनी निडर आवाज, बेबाक बयानों और मजबूत व्यक्तित्व के लिए जानी जाती हैं, लेकिन उनका कहना है कि वे हमेशा से ऐसी नहीं थीं। मुंबई (Mumbai) में आयोजित 15वें इंडियन फिल्म प्रोजेक्ट में उन्होंने अपने शुरुआती संघर्षों और उस दौर के दर्दनाक अनुभवों पर खुलकर बात की।
शुरुआती करियर में डर और समझौते करने पड़े
ऋचा ने बताया कि शुरुआत में उन्हें कई ऐसे काम स्वीकार करने पड़े, जिनसे वे असहज महसूस करती थीं। उन्होंने कहा, “एक दिन मैं सेट पर खड़ी थी और मैंने खुद से पूछा—मैंने ये फिल्म कब साइन की? मैं यहाँ क्या कर रही हूँ? मैं इस आइटम नंबर में क्यों हूँ?” उन्होंने साझा किया कि एक डायरेक्टर ने उनसे अशोभनीय तरीके से कहा था कि मेल कोरियोग्राफर (Koriyography) चाहता है कि तुम ‘ऐसे-वैसे’ करो। यह सुनकर वे अंदर से टूट गईं और उन्हें समझ आया कि एक लोकल मैनेजर ने पैसे लेकर उन्हें गलत कार्यों में धकेल दिया था।
सुंदरता पर टिप्पणियाँ और खुद को कम आंकने की पीड़ा
अभिनेत्री ने बताया कि इंडस्ट्री में कई लोग उनकी बाहरी सुंदरता पर टिप्पणी करते थे। ऋचा बोलीं, “मुझसे कहा जाता—होंठ ठीक करवा लो, नाक ठीक करवा लो, चेहरा बदल दो, गाना शूट करने से पहले पानी मत पीना। मैं हर बात मान लेती थी। मैं खुद को बहुत नुकसान पहुँचा चुकी थी। मुझे लगता था कि मैं बेकार हूँ।” उन्होंने कहा कि मनोरंजन जगत में कुछ लोग दूसरों को छोटा दिखाकर खुद को बड़ा साबित करने की कोशिश करते हैं।
आत्मसम्मान की लड़ाई और बदलाव की शुरुआत
ऋचा ने बताया कि अपने बदलाव की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू हुई। जब उन्होंने खुद को स्वीकार करना सीखा, तब समझ आया कि आत्मसम्मान से कभी समझौता नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, “किसी कलाकार का सबसे बड़ा साहस अपनी सच्चाई पर अडिग रहना होता है, चाहे दुनिया कुछ भी कहे।”
अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफलता
हाल ही में ऋचा चड्ढा और अली फ़ज़ल के प्रोडक्शन हाउस पुशिंग बटन्स स्टूडियोज की फिल्म ‘सीक्रेट्स ऑफ ए माउंटेन सर्पेंट’ का 82वें वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहना मिली।
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