Aadivasi : आदिवासी कला पर ग्रीष्मकालीन शिविर शुरू

ग्रीष्मकालीन

हैदराबाद। आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव डॉ. ए.शरत के आदेशानुसार सोमवार को Hyderabad के मसाब टैंक स्थित जनजातीय सांस्कृतिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र‌ संस्थान में स्कूली छात्रों के लिए आदिवासी कला पर ग्रीष्मकालीन शिविर शुरू हुआ। यह शिविर 7 मई तक जारी रहेगा।

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ग्रीष्मकालीन शिविर का उद्घाटन आदिवासी गुरुकुल संगठन की सचिव सीतालक्ष्मी ने किया

शिविर का उद्घाटन आदिवासी गुरुकुल संगठन की सचिव सीतालक्ष्मी ने किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतालक्ष्मी ने कहाकि इस गर्मी में घर पर रहना और मोबाइल फोन का अधिक उपयोग करना स्वास्थ्य और दिमाग के लिए हानिकारक है। दोनों ही जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, इसलिए यह हैदराबाद के निवासियों के लिए भी उपलब्ध है। इस आदिवासी कला ग्रीष्मकालीन शिविर को एक दुर्लभ अवसर के रूप में लेते हुए, हम आदिवासी कला और संस्कृति पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

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जागरूकता और सशक्तिकरण बढ़ाने का आह्वान

उन्होंने जागरूकता और सशक्तिकरण बढ़ाने का आह्वान किया। इस कदर आदिवासी पहली बार हैदराबाद में आदिवासी कला पर ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने सांस्कृतिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान को बधाई दी।कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक सर्वेश्वर रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के बाद ही आदिवासी कलाओं का विकास किया गया है।

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आदिवासी सहकारी समिति के उत्पादों का प्रदर्शन

आदिवासी सहकारी समिति महाप्रबंधक सीताराम ने कंपनी द्वारा बाजार में लाये गये आदिवासी उत्पाद भोजन के विशेष मूल्यों के बारे में बताया और इसे छात्रों और अभिभावकों को सौंपा। जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक ने कहा कि उज्ज्वल भविष्य आ रहा है। उन्होंने बताया कि आठ दिनों में छात्र कौन-कौन सी कलाएं सीखेंगे।

जनजातीय संस्कृति और कलाओं के महत्व पर चर्चा

जनजातीय संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ. वी.के. शर्मा तेलंगाना की जनजातीय संस्कृति और कलाओं के महत्व और उन्हें सीखने के तरीके के बारे में बताया। कार्यक्रम में सत्यनारायण, हेमलता, आयोजकों, विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया

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