चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून, 2025 को हुई भगदड़ की घटना के बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया। BJP ने इस त्रासदी को कांग्रेस सरकार की “आपराधिक लापरवाही” और “राज्य प्रायोजित हत्या” करार दिया.
सरकार पर लापरवाही का आरोप:
कर्नाटक BJP अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने कहा कि सरकार ने बिना किसी पूर्व तैयारी के जल्दबाजी में विजय परेड और समारोह आयोजित किया।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भीड़ की सुरक्षा योजना की समीक्षा की थी और क्या उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने पुलिस और चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की थी।BJP नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसे “उच्च स्तरीय जांच” की मांग करते हुए सरकार की “पूर्ण लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये” का परिणाम बताया।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह त्रासदी सरकार की जिम्मेदारी थी और इसकी तुलना कुंभ मेले की भगदड़ से करना गलत है। उन्होंने न्यायिक जांच की मांग की।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग:
BJP ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार और गृह मंत्री जी. परमेश्वर से इस्तीफे की मांग की। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार ने भीड़ नियंत्रण के लिए कोई उपाय नहीं किए और केवल “प्रचार” पर ध्यान दिया।BJP सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि यह भगदड़ पूरी तरह से टाली जा सकती थी, और मुख्यमंत्री ने प्रशंसकों की भीड़ के उन्माद को जानते हुए भी “खुला निमंत्रण” देकर गलती की।
सोशल मीडिया पर हमला:
BJP कर्नाटक के आधिकारिक X हैंडल ने पोस्ट किया कि “कोई बुनियादी व्यवस्था नहीं थी, सिर्फ अराजकता थी।” उन्होंने सिद्धारमैया और शिवकुमार पर “क्रिकेटरों के साथ रील बनाने और सुर्खियां बटोरने” का आरोप लगाया।पार्टी ने इसे “कांग्रेस सरकार के हाथों पर खून” करार दिया, जिससे घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई।
कुंभ मेले की तुलना पर विवाद:
सिद्धारमैया ने कुंभ मेले में हुई भगदड़ का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं कई जगह होती हैं और वह इसका बचाव नहीं कर रहे। BJP ने इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि दोनों घटनाएं “अतुलनीय” हैं। प्रल्हाद जोशी ने इसे कांग्रेस की असंवेदनशीलता का उदाहरण बताया।
कांग्रेस पर प्रचार का आरोप:
BJP ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने RCB की जीत को भुनाने के लिए जल्दबाजी में समारोह आयोजित किया, बिना पुलिस या आपातकालीन सेवाओं को शामिल किए।पूर्व पुलिस अधिकारी और BJP नेता भास्कर राव ने कहा कि अगर वह शहर के पुलिस प्रमुख होते, तो विजय परेड को स्थगित करने की सलाह देते।
कांग्रेस का जवाब:
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन भीड़ “नियंत्रण से बाहर” थी। उन्होंने BJP पर मृतकों पर राजनीति करने का आरोप लगाया।सिद्धारमैया ने कहा कि वह इस मामले में राजनीति नहीं करना चाहते और एक मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दे चुके हैं, जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी।
BJP ने इस त्रासदी को कांग्रेस सरकार की कथित लापरवाही और प्रचार की भूख का परिणाम बताकर इसे एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बनाया। पार्टी ने इस्तीफे, न्यायिक जांच और जवाबदेही की मांग की, जबकि कांग्रेस ने इन आरोपों को राजनीतिकरण करार दिया और जांच का हवाला देकर जवाब दिया। इस तरह, घटना ने कर्नाटक में BJP और कांग्रेस के बीच एक तीखी राजनीतिक जंग को जन्म दिया।