Akhilesh Yadav: वाराणसी की सड़कों पर हाल ही में एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जहां भारी संख्या में लोग तुर्की और पाकिस्तान के विरोध में उतरे। प्रदर्शनकारियों ने इन देशों के प्रतीकात्मक पुतलों की शव यात्रा निकाली और उनके झंडे जलाकर विरोध प्रविष्ट किया। इसकी वजह हिन्दुस्थान-विरोधी गतिविधियों पर आक्रोश था।
ब्रजेश पाठक पर टिप्पणी से बढ़ा विवाद
इस प्रदर्शन से अलग, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) के आधिकारिक मीडिया हैंडल से की गई एक विवादास्पद टिप्पणी के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। टिप्पणी को लेकर भाजपा (BJP) हमलावर हो गई है और समाजवादी पार्टी पर बदजुबानी का इलजाम लगाया है।
अखिलेश यादव को भेजा गया मानहानि नोटिस
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत पार्टी के अन्य लोगों को मानहानि का लीगल अधिसूचना भेजा गया है। अधिसूचना में साफ कहा गया है कि 15 दिनों के अंदर सार्वजनिक माफी नहीं मांगी गई, तो मानहानि का मुकदमा प्रविष्ट किया जाएगा।
अधिसूचना के अनुसार, जिस भाषा का प्रयोग किया गया, उससे डिप्टी सीएम और उनके कुटुंब की छवि को हानि पहुंचा है। भाजपा ने इसे व्यक्तिगत और राजनीतिक मर्यादा से परे कहा है।

अखिलेश यादव का पलटवार – शायरी के जरिए जवाब
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस विषय पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्विटर’ (Twitter) के जरिए प्रतिक्रिया दी। उन्होंने शायरी में लिखा:
“हुक्मरानों की बदजुबानी पर भी आज़ादी,
और किसी की सच्ची बात पर गिरफ्तारी!”
इसके जरिए अखिलेश ने भाजपा को दोहरे मापदंड अपनाने का इलजाम लगाया और कहा कि सरकार आलोचना सहन नहीं कर पा रही है।
क्या विवाद और गहराएगा?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह समस्या आने वाले चुनावी माहौल को देखते हुए और गहरा सकता है। भाजपा इसे जनता के बीच ले जाकर सपा की छवि पर चोट करना चाहती है, वहीं सपा इस विषय को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़ने की प्रयास में है।