श्रीनगर, 18 जुलाई 2025: जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण रुकी अमरनाथ (Amar nath) यात्रा शुक्रवार को मौसम में सुधार के बाद फिर से शुरू हो गई है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अनुसार, 310 यात्रियों को पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई। यह यात्रा गुरुवार को खराब मौसम के कारण जम्मू, बालटाल, और पहलगाम के आधार शिविरों से अस्थायी रूप से रोक दी गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश से यात्रा मार्गों पर नुकसान हुआ था, जिसके लिए बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने अतिरिक्त कर्मियों और मशीनरी तैनात की थी। शुक्रवार सुबह मौसम साफ होने के बाद यात्रियों को बालटाल और नुनवान (पहलगाम) आधार शिविरों से गुफा की ओर बढ़ने की अनुमति दी गई। इस दौरान पंजतरनी कैंप में रुके यात्रियों को भी बीआरओ और माउंटेन रेस्क्यू टीमों की देखरेख में बालटाल की ओर उतरने की सुविधा दी गई।
जम्मू-कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि यात्रा मार्गों की मरम्मत पूरी होने के बाद यात्रा को सुरक्षित रूप से शुरू किया गया है। 3 जुलाई से शुरू हुई इस 38-दिवसीय यात्रा में अब तक 2.56 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। शुक्रवार को 310 यात्रियों के एक छोटे समूह को दर्शन की अनुमति दी गई, जिसमें पुरुष, महिलाएं, और बच्चे शामिल थे।
यात्रा की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं, जिसमें तीन-स्तरीय सुरक्षा, चेकपॉइंट्स, और मेडिकल सुविधाएं शामिल हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई
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अमरनाथ यात्रा का इतिहास क्या है?
यह लिंग अमरनाथ पर्वत पर, 3,888 मीटर की ऊँचाई पर एक गुफा में स्थित है, और वर्ष के अधिकांश समय बर्फ से ढका रहता है। यही कारण है कि यह यात्रा, या गुफा की तीर्थयात्रा, वर्ष में केवल एक बार आयोजित की जाती है। कश्मीर में आतंकवाद के इतिहास के कारण यह यात्रा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित की जाती है।
अमरनाथ यात्रा कितने दिन की होती है?
हर साल लाखों शिव भक्तों को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2025) का इंतजार रहता है। यह यात्रा 38 दिनों तक चलती है