चीताअलर्ट: हाल ही में तिरुमला के घाट रोड पर एक बार फिर से चीता (Leopard) दिखाई दिया, जिससे क्षेत्र में हलचल मच गई है। विनायक स्वामी देवालय के पास सोमवार को एक चीते को सड़क पार करते हुए देखा गया। यह नज़ारा कुछ वाहन चालकों ने कैमरे में कैद किया और तुरंत टीटीडी (TTD) के सुरक्षा अधिकारियों को सूचित किया।
वन विभाग और टीटीडी ने किया निरीक्षण, दी चेतावनी
ख़बर मिलते ही वन विभाग की टीम और टीटीडी के अधिकारी मौके पर पहुंचे और क्षेत्र का गहन निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि गर्मी के मौसम में जंगल के जानवर अक्सर पानी की तलाश में आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं। इससे पहले भी तिरुमला और तिरुपति के जंगलों में चीता दिख चुका है।
भक्तों को सलाह – रहें सतर्क और समूह में यात्रा करें
चीताअलर्ट: टीटीडी और वन विभाग ने भक्तों से निवेदन की है कि वे घाट रोड पर यात्रा करते वक्त सावधानी बरतें। विशेष रूप से वे भक्त जो पैदल यात्रा करते हैं, उन्हें समूह में चलने और अकेले न जाने की सलाह दी गई है। TTD पहले भी इस तरह के मुद्दे को लेकर गाइडलाइंस जारी कर चुका है।

नदियों और घाटी में बढ़ा हुआ वन्यजीवों का मूवमेंट
गर्मी के मौसम में जल स्रोतों की कमी के कारण चीता और अन्य वन्यजीव अब घाटियों, देवालय मार्गों और पानी के गड्ढों के आसपास देखे जा रहे हैं। यह नजारा वन्यजीवों की स्वाभाविक गतिविधि है लेकिन भक्तों के लिए सतर्कता आवश्यक है।
वैशाखी पर्व पर गोविंदराजस्वामी का भव्य उत्सव
चीताअलर्ट: एक ओर जहां तिरुमला में वन्यजीव हलचल देखी गई, वहीं दूसरी ओर तिरुपति में वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर गोविंदराजस्वामी देवालय में भव्य उत्सव का आयोजन हुआ। सोमवार को प्रातः 6 बजे से भगवान गोविंदराजस्वामी, श्रीदेवी, भूदेवी, आंडाल अम्मावरु और श्रीकृष्णस्वामी सहित नौ देवताओं की शोभायात्रा तानापल्ली रोड स्थित पोंनकल्वा मंडपम तक निकाली गई।
अभिषेक और सांस्कृतिक आयोजन
सुबह 9 बजे से 11 बजे तक वहां पंचामृत स्नान किया गया जिसमें दूध, दही, शहद, चंदन और नारियल जल से अभिषेक हुआ। इसके बाद सेवा काल, शात्तुमोरा और आस्थान कल्पना आयोजित किए गए।
मंदिरों में पारंपरिक मान्यताओं का पालन
शाम 5 बजे गोविंदराजस्वामीजी की शोभायात्रा तिरुचानूर स्थित श्री पद्मावती अम्मावरु देवालय तक पहुंची। पुराणों के अनुसार, जब गोविंदराजस्वामी देवालय में आते हैं, तो एक दरवाजा बंद रखा जाता है।