विजयवाड़ा । नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (Narakas ) विजयवाड़ा की 70 वीं बैठक में दक्षिण भारत में हिंदी के प्रचार-प्रसार को और अधिक प्रभावी बनाने का संकल्प लिया गया। मंडल रेल प्रबंधक सभागृह, विजयवाड़ा (Vijayawada) में हुई बैठक की अध्यक्षता मंडल रेल प्रबंधक मोहित सौनकिया ने की। बैठक में उपाध्यक्ष कोंडा श्रीनिवास राव, अपर मंडल रेल प्रबंधक, विजयवाड़ा मंडल दक्षिण मध्य रेलवे उपस्थित रहे। इस अवसर पर विशेष आमंत्रित अनिर्बान कुमार विश्वास, उप निदेशक (कार्यान्वयन), बेंगलुरु तथा विशिष्ठ अतिथि डॉ. श्याम सुंदर साहु, उप महाप्रबंधक (राजभाषा), दक्षिण मध्य रेलवे भी उपस्थित रहे।
हिंदी हमारे कार्य संस्कृति का अभिन्न अंग : मोहित सौनकिया
बैठक में विजयवाड़ा क्षेत्र के 63 केंद्र सरकार के कार्यालयों से कार्यालय प्रमुख तथा राजभाषा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सदस्य सचिव हेमंत वाडेकर ने नराकास की पिछली बैठकों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा विभिन्न उप समितियों की गतिविधियों का विस्तृत विवरण दिया। विजयवाड़ा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक और नराकास अध्यक्ष, मोहित सौनकिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी हमारे कार्य संस्कृति का अभिन्न अंग है। यदि हम प्रशासनिक कार्यों में हिंदी का अधिकाधिक उपयोग करेंगे तो पारदर्शिता और दक्षता दोनों में वृद्धि होगी। सभी कार्यालयों को चाहिए कि वे हिंदी को अपने दैनिक कार्यों का स्वाभाविक माध्यम बनाएं। उन्होंने अपेक्षा की कि ऐसी बैठकों में कार्यालय प्रमुखों की उपस्थिति वांछनीय है।

राजभाषा हिंदी के संवर्धन हेतु सभी विभागों का सम्मिलित प्रयास आवश्यक : श्रीनिवास राव
उपाध्यक्ष कोंडा श्रीनिवास राव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राजभाषा हिंदी के संवर्धन हेतु सभी विभागों का सम्मिलित प्रयास आवश्यक है। तकनीकी साधनों और डिजिटल प्लेटफॉर्मों का उपयोग करके हिंदी के प्रयोग को और अधिक व्यावहारिक बनाया जा सकता है। विशेष आमंत्रित अनिर्बान कुमार विश्वास, उप निदेशक (कार्यान्वयन), बेंगलुरु ने कहा कि केंद्र सरकार की भाषा नीति का उद्देश्य सभी के लिए संवाद को सरल बनाना है। हमें हिंदी में कार्य करने की गुणवत्ता बढ़ाने और कर्मियों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए बैठक के दौरान विभिन्न सदस्य कार्यालयों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और नराकास द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
राजभाषा कार्यान्वयन समिति क्या है?
यह समिति एक ऐसा व्यवस्थित प्रावधान है जिसे केंद्रीय या राज्य सरकार के मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों में स्थापित किया जाता है, ताकि सरकारी कामकाज में हिंदी भाषा (राजभाषा) के संवैधानिक और नीतिगत प्रावधानों के अनुरूप प्रवर्तिता सुनिश्चित की जा सके।
राजभाषा कार्यान्वयन समिति की वर्ष में कितनी बैठकें होनी चाहिए?
सामान्यतः विभागीय (मंत्रालय/विभाग) राजभाषा कार्यान्वयन समितियों की तिमाही आधार पर यानी वर्ष में चार बैठकें होनी अपेक्षित हैं। उदाहरण के लिए एक संस्थान में अप्रैल–जून, जुलाई–सितंबर, अक्टूबर–दिसंबर, जनवरी–मार्च की चार तिमाहियाँ ली गईं।
केंद्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष कौन थे?
संसदीय राजभाषा समिति (Parliamentary Committee on Official Language) की अध्यक्षता समय-समय पर केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा की जाती रही है।
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