कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर 2025 को दिल्ली के इंदिरा भवन (Indira Bhavan) में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर चुनाव प्रक्रिया में ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 वोटरों के नाम ऑनलाइन डिलीट करने की कोशिश का दावा किया, साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार पर लोकतंत्र को नष्ट करने और चोरी करने वालों को बचाने का आरोप लगाया। राहुल ने महाराष्ट्र के राजुरा सीट पर भी वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़ने का जिक्र किया, और कहा कि चुनाव आयोग के अंदर से उन्हें अब मदद मिल रही है।
BJP का कड़ा जवाब: “90 चुनाव हारे, अब आरोपों की राजनीति”
BJP ने राहुल के इन दावों को ‘फुलझड़ी’ और ‘पानी का गुब्बारा’ बताते हुए जोरदार पलटवार किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने लगभग 90 चुनाव हार चुकी है, और उनकी हताशा दिन-ब-दिन बढ़ रही है। ठाकुर ने तंज कसते हुए बोला, “राहुल गांधी जब-जब कोर्ट गए, मुंह की खानी पड़ी। गलत और निराधार आरोप लगाना उनकी आदत बन गई है। माफी मांगो, वरना जनता जवाब देगी।”
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने भी चुटकी ली, “ना कानून समझते हैं, ना सुप्रीम कोर्ट के आदेश। खाली संविधान-संविधान चिल्लाते रहते हैं। ये धमाका करने आए थे, ड्रामा करके चले गए।” प्रसाद ने राहुल पर देश के मतदाताओं का अपमान करने का भी आरोप लगाया, कहा कि मोदी जी की जीत को ‘धोखाधड़ी’ बताना जनता का तिरस्कार है। BJP ने आगे कहा कि राहुल ‘बड़े झूठ’ बोलकर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि: वोट चोरी विवाद की शुरुआत
ये विवाद नया नहीं है। अगस्त 2025 में राहुल ने प्रेजेंटेशन देकर वोटर लिस्ट में 5 तरीकों से फर्जीवाड़े का दावा किया था:
तरीका | राहुल का दावा | उदाहरण |
---|---|---|
डुप्लीकेट वोटर | 11,965 संदिग्ध नाम, एक व्यक्ति कई बूथ पर | बेंगलुरु सेंट्रल में 3 बार वोट डालने वाले |
फर्जी पते | 40,009 वोटरों के गलत एड्रेस | एक घर पर 46 वोटर लिस्टेड |
एक पते पर कई वोटर | सैकड़ों नाम एक ही एड्रेस पर | बूथ 470 पर 80 मतदाता |
फर्जी फॉर्म 6 | नाम जोड़ने के फॉर्म नकली | महाराष्ट्र में 40 लाख संदिग्ध |
बदलता मार्जिन | जीत के अंतर में विसंगति | लोकसभा vs विधानसभा डेटा |
राहुल ने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ जन-आंदोलन, मशाल मार्च और वेबसाइट लॉन्च करने की घोषणा की थी। BJP ने इसे ‘हताशा का नतीजा’ बताया।
कुल मिलाकर, BJP का पलटवार राहुल को ‘झूठा’ और ‘हताश’ साबित करने पर केंद्रित है, जबकि आयोग ने प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जोर दिया। मामला कोर्ट तक पहुंच सकता है, क्योंकि राहुल ने ‘कानूनी चुनौती’ का ऐलान किया है।
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