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Business : SBI का बड़ा बदलाव,15 अगस्त से लागू होंगे नए नियम

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Business : SBI का बड़ा बदलाव,15 अगस्त से लागू होंगे नए नियम

देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ने IMPS यानी इमीडिएट पेमेंट सर्विस के जरिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने वालों के लिए एक अहम बदलाव का ऐलान किया है। यह बदलाव 15 अगस्त 2025 से लागू होंगे और खासकर डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाले ग्राहकों को ध्यान में रखकर किए गए हैं।

 क्या है नया बदलाव?

अब अगर आप SBI की नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग के जरिए (IMPS) से ₹25,000 से ज्यादा की रकम ट्रांसफर करते हैं, तो आपको नया सर्विस चार्ज देना होगा। हालांकि, यदि आप SBI ब्रांच से IMPS करते हैं, तो उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा – मौजूदा शुल्क ही लागू रहेंगे।

नई फीस स्ट्रक्चर (ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर)
(सभी चार्ज पर अतिरिक्त GST लागू होगा)

  • ट्रांजैक्शन अमाउंट    सर्विस चार्ज (GST अतिरिक्त)
  • ₹25,000 से ₹1 लाख तक    ₹2
  • ₹1 लाख से ₹2 लाख तक    ₹6
  • ₹2 लाख से ₹5 लाख तक    ₹10

किन्हें मिलेगी राहत?

  • कुछ खाताधारकों को इन नए चार्ज से पूरी तरह छूट दी गई है:
  • सैलरी पैकेज अकाउंट होल्डर्स
  • SBI के गोल्ड, डायमंड, प्लेटिनम और रोडियम करंट अकाउंट ग्राहक
  • सरकारी विभागों एवं स्वायत्त/वैधानिक संस्थाएं
  • इन सभी के लिए ऑनलाइन IMPS ट्रांजैक्शन बिलकुल मुफ्त रहेंगे।

ध्यान दें: कॉर्पोरेट अकाउंट होल्डर्स के लिए ये नए चार्ज 8 सितंबर 2025 से लागू किए जाएंगे।

IMPS क्या है और क्यों है खास?

  • IMPS एक तेज़, सुरक्षित और 24×7 उपलब्ध रहने वाली डिजिटल पेमेंट सेवा है जो रियल-टाइम में किसी भी बैंक खाते में फंड ट्रांसफर की सुविधा देती है। यह सेवा:
  • मोबाइल ऐप
  • इंटरनेट बैंकिंग
  • एटीएम
  • SMS
  • और बैंक ब्रांच के जरिए इस्तेमाल की जा सकती है।

इसकी मदद से ग्राहक किसी भी समय, कहीं से भी पैसे भेज या प्राप्त कर सकते हैं – वो भी कुछ ही सेकंड में। देशभर के 950+ बैंक और वित्तीय संस्थान इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।

 SBI का उद्देश्य क्या है?

SBI इस बदलाव के जरिए डिजिटल बैंकिंग के उपयोग को बढ़ावा देने और ऑपरेशनल लागत को संतुलित करने की दिशा में कदम उठा रहा है। साथ ही, बैंक ने हाल ही में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹15.90 प्रति शेयर का डिविडेंड घोषित किया है और (QIP) के माध्यम से ₹25,000 करोड़ की पूंजी भी जुटाई है, जिससे वह अपने विस्तार और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर सकेगा

एसबीआई बैंक की शुरुआत कब हुई?

तदनुसार, मई 1955 में संसद में एक अधिनियम पारित किया गया और 1 जुलाई 1955 को भारतीय स्टेट बैंक का गठन किया गया। इस प्रकार, भारतीय बैंकिंग प्रणाली के एक-चौथाई से अधिक संसाधन राज्य के प्रत्यक्ष नियंत्रण में आ गए।

एसबीआई सैलरी है?

औसत एसबीआई वेतन एक वरिष्ठ व्यक्ति के लिए लगभग ₹19,928 प्रति वर्ष (अनुमानित) से लेकर एक मुख्य महाप्रबंधक के लिए ₹80,00,000 प्रति वर्ष (अनुमानित) तक है ।

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