सेंसेक्स 400 अंक गिरकर 80,600 के स्तर पर
शेयर बाजार (Stock Market)में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 400 अंकों की गिरावट के साथ 80,600 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
निफ्टी भी 100 अंक लुढ़का
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी इंडेक्स 100 अंकों की गिरावट के साथ 24,450 के आसपास कारोबार करता दिखा। यह गिरावट निवेशकों की चिंता का संकेत दे रही है।
NSE के सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में दिखाई दिए।
- रियल्टी सेक्टर में लगभग 2.5% की गिरावट देखी गई।
- ऑयल एंड गैस कंपनियों के शेयरों में भी जोरदार गिरावट आई, ONGC और Reliance के स्टॉक्स दबाव में रहे।
हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन आज यानी मंगलवार, 5 अगस्त को सेंसेक्स 400 अंक गिरकर 80,600 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी 100 अंक की गिरावट है, ये 24,600 के स्तर पर है।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 8 में तेजी और 22 में गिरावट है। इंफोसिस, अडाणी पोर्ट्स और BEL के शेयरों में करीब 1.5% की गिरावट है। SBI, एक्सिस बैंक और एयरटेल में मामूली तेजी है।
निफ्टी के 50 शेयरों में से 16 में तेजी और 34 में गिरावट है। NSE के सभी सेक्टर्स में गिरावट है। ऑयल एंड गैस, रियल्टी, IT, FMCG और फार्मा इंडेक्स सबसे ज्यादा गिरे हैं।
एशियाई बाजार में मिलाजुला कारोबार, अमेरिकी में गिरावट
- एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 0.63% नीचे 40,544 के स्तर पर और कोरिया का कोस्पी 1.07% ऊपर 3,181 पर कारोबार कर रहा है।
- हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.12% ऊपर 24,763 पर और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.53% चढ़कर 3,602 पर कारोबार कर रहा है।
- 4 अगस्त को अमेरिका का डाउ जोन्स 1.34% चढ़कर 44,174 पर बंद हुआ। वहीं, नैस्डेक कंपोजिट 1.95% ऊपर 21,054 पर और S&P 500 1.47% ऊपर 6,330 पर बंद हुए।
आज शेयर बाजार में गिरावट का क्या कारण है?
बाजार में गिरावट का क्या कारण है? शेयर बाज़ार में गिरावट अक्सर बड़ी वैश्विक घटनाओं, आर्थिक संकटों या सट्टा बुलबुले के फूटने से शुरू होती है। इसके अलावा, व्यापक निवेशक घबराहट और झुंड व्यवहार से बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है, जिससे कीमतें और गिर सकती हैं।
शेयर अचानक क्यों गिरते हैं?
जब किसी शेयर की माँग ज़्यादा होती है (मतलब ज़्यादा लोग उसे बेचने से ज़्यादा खरीदना चाहते हैं), तो कीमत बढ़ जाती है क्योंकि खरीदार ज़्यादा कीमत चुकाने को तैयार होते हैं। लेकिन जब आपूर्ति माँग से ज़्यादा हो जाती है (मतलब ज़्यादा लोग उसे खरीदने से ज़्यादा बेच रहे होते हैं), तो शेयर की कीमत गिरने लगती है, क्योंकि विक्रेताओं को खरीदारों को आकर्षित करने के लिए अपनी कीमतें कम करनी पड़ती हैं ।