चैना भारत व्यापार: 2 अप्रैल को अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल शुल्क लगाने का ऐलान किया, जिससे वैश्विक शेयर बाजारों में हड़कंप मच गया। निवेशकों को अरबों डॉलर का घाटा हुआ और आर्थिक संशयात्मक बढ़ गई।
हालांकि, ट्रंप ने बाद में 90 अवधि के लिए शुल्क पर रोक लगाने का निर्णय किया, लेकिन चैना को इस राहत से बाहर रखा गया। इसके जवाब में चैना ने भी अमेरिका की उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिए, जिससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर तेज हो गया।
चैना और इंडिया का नया समीकरण
इसी बीच चैना ने इंडिया के सामने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा है। बीजिंग ने संकेत दिया है कि वह भारतीय प्रीमियम प्रोडक्ट्स के आयात के लिए अपने बाजार को खोलने को तैयार है।
इसके साथ ही, चैना हिंदुस्तानी व्यवसायों को अपने बाजार में बढ़ावा देने में मदद करेगा। इंडिया में नियुक्त चैना के राजदूत शू फेहोंग ने एक इंटरव्यू में कहा कि चैना और इंडिया को एकात्मवाद और संरक्षणवाद का संयुक्त रूप से प्रतिरोध करना चाहिए।
हिंदुस्तानी व्यापार के लिए नए अवसर
चैना और इंडिया के बीच व्यापार नुकसान बढ़कर लगभग 99.2 बिलियन डॉलर पर पहुंच चुका है। ऐसे में चीन का यह कदम इंडिया के लिए निर्यात बढ़ाने का सुनहरा अवसर हो सकता है।

राजदूत ने यह भी उम्मीद जताई कि इंडिया सरकार चैना संगठन के साथ निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवहार करेगी। उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान की सराहना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलने दिया जाएगा।
चैना भारत व्यापार:भविष्य की राह-सहयोग और संवाद
चैना ने संकेत दिया है कि वह इस वर्ष के शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का गर्मजोशी से अगवानी करेगा। शू फेहोंग ने मैनपावर, इक्विपमेंट एक्सपोर्ट कंट्रोल, ब्रह्मपुत्र नदी जल बंटवारे और मीडिया की भूमिका जैसे विषय पर भी खुलकर बातचीत की। साफ है कि चैना और इंडिया के बीच सहयोग बढ़ाने के कई रास्ते खुल रहे हैं, जिन्हें सही रणनीति से इंडिया अपने तरफ में कर सकता है।