इजराइल ने ईरान पर हमला किया है, जिसके बाद वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल देखी जा रही है। इससे कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों में लगभग 10% की उछाल आई है।
इजराइल ने 12 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिससे तेल की कीमतें अचानक बढ़ गई है। ऐसे में सवाल है कि आम आदमी की जेब पर इस तनाव का क्या असर होगा? क्या पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ जाएंगे और शेयर बाजार गिर जाएगा?
क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी क्यों आई है?
- इजराइल ने ईरान पर 12 जून 2025 को हवाई हमले किए। ये हमले ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को निशाना बनाकर किए गए।
- इसके बाद तेल की कीमतें एकदम से उछल गईं। दरअसल, ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है और इसका ज्यादातर तेल चीन को जाता है।
- ईरान की जियोलॉजिकल पोजिशन भी काफी महत्वपूर्ण है – ये स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के उत्तरी किनारे पर है। ये वो रास्ता है जहां से सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देशों का तेल सप्लाई होता है।
- अगर ईरान ने गुस्से में आकर इस रास्ते को ब्लॉक कर दिया, तो दुनिया की 20% तेल सप्लाई अटक सकती है।
तेल की कीमतों में कितनी तेजी आई है?
जैसे ही हमले की खबर आई, ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 10% बढ़कर करीब 78 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई। यूएस का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी 10% चढ़कर 74 डॉलर के पार पहुंच गया।
आम आदमी पर इसका क्या असर पड़ेगा?
अगर ज्यादा दिनों तक क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ी रहती है तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने होंगे। इससे ट्रांसपोर्ट, खाने-पीने की चीजें, और बाकी सामान भी महंगा हो सकता है। अगर जंग लंबी खिंची तो महंगाई और बढ़ेगी। शेयर बाजार गिरने से निवेशकों को भी नुकसान हो रहा है।
क्रूड के गिरने से शेयर बाजार क्यों नीचे है?
तेल की कीमतें बढ़ने का मतलब है महंगाई बढ़ेगी। इससे तेल आयात करने वाले देशों की इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ता है। निवेशकों में डर है कि अगर तेल महंगा हुआ तो कंपनियों की लागत बढ़ेगी, मुनाफा घटेगा।
इससे भारतीय शेयर बाजार 1% से ज्यादा गिर गया। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स भी 1.3% और हॉन्ग कॉन्ग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.7% गिर गया। जिस वक्त हमला हुआ वॉल स्ट्रीट बंद था, लेकिन फ्यूचर्स ट्रेडिंग में संकेत मिले कि अमेरिकी बाजार भी 1% से ज्यादा लुढ़क सकता है।
इजराइल ने ऐसा क्यों किया?
इजराइल का कहना है कि ये हमला “प्री-एम्प्टिव” यानी पहले से रक्षा के लिए था। इजराइल के PM बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान का परमाणु प्रोग्राम और मिसाइल प्रोग्राम उनके लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने ईरान के नतांज परमाणु साइट और कई बड़े सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया। नेतन्याहू का मानना है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना जरूरी है, वरना देर हो जाएगी।