अडानी पोर्ट्स के नतीजों के दिन ही गौतम अडानी(Gautam Adani) ने एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद छोड़ दिया
गौतम अडानी(Gautam Adani) ने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद छोड़ दिया है। यह फैसला उसी दिन आया जब कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए। इस कदम से कंपनी के नेतृत्व में बड़ा बदलाव हुआ है।
अब सिर्फ नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन रहेंगे
5 अगस्त से गौतम अडानी(Gautam Adani) अब केवल नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका निभाएंगे। कंपनी ने बताया कि उन्हें इस नई भूमिका के लिए बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। इस बदलाव के पीछे रणनीतिक कारण माने जा रहे हैं, ताकि कंपनी में पेशेवर प्रबंधन और संचालन को बढ़ावा मिल सके।
कंपनी ने किया नया डायरेक्टर नियुक्त
अडानी पोर्ट्स ने इसी दिन मनीष केजरीवाल को नॉन-एग्जीक्यूटिव, इंडिपेंडेंट एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तीन वर्षों के लिए होगी, जिसे अगले तीन महीनों में शेयरधारकों की स्वीकृति लेनी होगी। इससे कंपनी के बोर्ड में अनुभव और विविधता का समावेश होगा।
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के बावजूद शेयर गिरे
कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.54% बढ़कर ₹3,310.60 करोड़ हुआ है। आय भी बढ़कर ₹9,422.18 करोड़ हो गई है, जबकि पिछली बार यह ₹8,054.18 करोड़ थी। फिर भी शेयर बाजार में कंपनी के शेयर 2.38% की गिरावट के साथ बंद हुए, जिससे निवेशकों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही।
लॉजिस्टिक्स और मरीन से हुई बढ़त
कंपनी के सीईओ अश्विनी गुप्ता ने कहा कि EBITDA 13% बढ़कर ₹5,495 करोड़ पहुंच गया। लॉजिस्टिक्स और मरीन बिजनेस में उल्लेखनीय ग्रोथ (लगभग 2 से 2.9 गुना) देखी गई है। अडानी पोर्ट्स अपने ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी मॉडल पर लगातार फोकस कर रही है, जिससे भविष्य में भी आय में स्थिरता की उम्मीद है।
गौतम अडानी ने पद क्यों छोड़ा?
उनका ध्यान अब रणनीतिक मार्गदर्शन पर केंद्रित रहेगा, न कि दैनिक प्रबंधन पर।
मनीष केजरीवाल की क्या भूमिका होगी?
वे स्वतंत्र निदेशक के तौर पर कंपनी के फैसलों में अहम योगदान देंगे।
अडानी पोर्ट्स की आय कैसे बढ़ी?
लॉजिस्टिक्स और मरीन सेवाओं में बेहतर प्रदर्शन से कंपनी को लाभ मिला।