सोने की जगह चांदी बनी लोगों की पसंद
नई दिल्ली: धनतेरस(Dhanteras) 2025 पर सोने(Gold) की चमक फीकी पड़ गई है। इस बार सोने के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के अनुसार, सोने की कीमतों में तेजी के कारण इसकी बिक्री मात्रा में करीब 15% की कमी आई है। महंगे दामों ने ज्वेलर्स के उत्साह पर ठंडा पानी डाल दिया है।
निवेशक झुके चांदी की ओर
देश के प्रमुख ज्वेलरी रिटेलर्स तनिष्क(Tanishq) और रिलायंस रिटेल ने इस वर्ष ग्राहकों द्वारा जमा की गई अग्रिम राशि में कमी दर्ज की है। तनिष्क की मूल कंपनी टाइटन के मुताबिक, जमा राशि में 19% गिरावट आई है और यह 3,458 करोड़ रुपये पर सिमट गई। वहीं रिलायंस ज्वेल्स ने भी 5% की गिरावट दर्ज की। उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती कीमतों के कारण खरीदी जाने वाली मात्रा घट रही है और ग्राहकों का रुझान चांदी की ओर बढ़ रहा है।
इस बार धनतेरस दो दिनों तक मनाया जा रहा है, जिससे कारोबारियों को बिक्री बढ़ने की उम्मीद थी। लेकिन सोने की ऊंची कीमतों ने मांग को सीमित कर दिया। उद्योग जगत का अनुमान है कि सोने की कीमतों ने उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता को प्रभावित किया है।
सोने की मांग स्थिर, मात्रा में कमी
पीपी ज्वेलर्स के सीएमडी राहुल गुप्ता ने कहा कि सोने(Gold) की मांग मूल्य के आधार पर मजबूत है, मगर मात्रा के हिसाब से 20% घट गई है। उन्होंने बताया कि लोग अब चांदी के गहनों और सिक्कों में निवेश कर रहे हैं। दूसरी ओर, जीजेसी चेयरमैन राजेश रोकडे ने कहा कि वॉल्यूम में 10 से 15% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि कुल बिक्री मूल्य 50,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है।
हल्के वजन वाले हॉलमार्क गहनों और सोने के सिक्कों की बिक्री अब भी मजबूत बनी हुई है। उपभोक्ता छोटे आकार की वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि निवेश भी हो और खर्च भी सीमित रहे।
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चांदी की बिक्री में जबरदस्त उछाल
चांदी की बिक्री में इस बार रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले वर्ष की तुलना में चांदी के सिक्कों की मांग में 35–40% की वृद्धि हुई है। जीजेसी के वाइस चेयरमैन अविनाश गुप्ता के अनुसार, यह बढ़ोतरी खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों से आई है, जहां लोग बजट-अनुकूल निवेश को तरजीह दे रहे हैं।
दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव शनिवार को 10 ग्राम के लिए 1,32,000 रुपये था, जबकि चांदी 1,70,000 रुपये प्रति किलो पर बिकी। कीमतों में मामूली गिरावट के बावजूद, छोटी सोने-चांदी की वस्तुओं की बिक्री में तेजी आई है, विशेषकर 1 से 50 ग्राम की रेंज में।
धनतेरस 2025 पर सोने की बिक्री क्यों घटी?
सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल के कारण आम खरीदारों ने निवेश से दूरी बनाई। महंगे दामों ने गहनों की मात्रा घटाई, जिससे कुल बिक्री पर असर पड़ा।
चांदी की मांग बढ़ने का क्या कारण रहा?
उच्च सोने के दामों और सीमित बजट के कारण उपभोक्ताओं ने चांदी को निवेश और उपहार के रूप में अपनाया। इसकी सुलभता और स्थिर मूल्य वृद्धि ने इसे लोकप्रिय विकल्प बना दिया।
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