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Breaking News: Gold-Silver: सोने-चांदी के दाम में गिरावट

Dhanarekha
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Breaking News: Gold-Silver: सोने-चांदी के दाम में गिरावट

लेकिन ₹1.55 लाख तक जाने के संकेत

नई दिल्ली: आज, 3 अक्टूबर को सोने और चांदी(Gold Silver) की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का दाम ₹500 घटकर ₹1,16,833 पर आ गया है। वहीं, चांदी की कीमत भी ₹110 गिरकर ₹1,45,010 प्रति किलोग्राम हो गई है। यह गिरावट 1 अक्टूबर को बने ऑल टाइम हाई (सोना: ₹1,17,332 और चांदी: ₹1,45,120) के बाद आई है। इस साल 31 दिसंबर 2024 से अब तक सोने की कीमत में लगभग ₹40,671 और चांदी में ₹58,993 की भारी बढ़ोतरी हुई है

सोने की कीमतों में तेज़ी के 5 प्रमुख कारण

बाज़ार में आज की गिरावट के बावजूद, लंबी अवधि में सोने में तेज़ी आने के 5 बड़े कारण दिखाई दे रहे हैं, जो इसे निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक निवेश बनाए हुए हैं:
केंद्रीय बैंकों(Central Banks) की खरीदारी: दुनिया भर के बड़े बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए लगातार अपने खजाने में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं, जिससे बाज़ार में सोने की मांग बनी हुई है।
भू-राजनीतिक अनिश्चितता (ट्रम्प फैक्टर): अमेरिका की नीतियों को लेकर अनिश्चितता और फेडरल रिजर्व पर दखल की आशंका से डॉलर और बॉन्ड बाजार कमजोर होते हैं। ऐसे में निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं।

निवेश का बदलता रुझान और डॉलर का कमजोर होना

सोने की कीमतों को बढ़ाने में क्रिप्टोकरेंसी और वैश्विक आर्थिक मॉडल में बदलाव की भी अहम भूमिका है:
क्रिप्टो से सोने(Gold Silver) की ओर रुख: क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव और सख्त नियामक नियमों के डर से निवेशक अपना पैसा सोने में लगा रहे हैं। इसके अलावा, भारत में शेयर बाज़ार से कम रिटर्न ने भी सोने को आकर्षक बना दिया है, जिससे इसकी मांग तेज़ी से बढ़ रही है।

डीडॉलराइजेशन और लॉन्ग-टर्म एसेट: कई देश डॉलर का इस्तेमाल कम कर रहे हैं। अमेरिका पर बढ़ते कर्ज और कमजोर हो रहे डॉलर के कारण सोने में तेज़ी आ रही है। सोना एक लॉन्ग-टर्म एसेट है जो नष्ट नहीं होता, सीमित मात्रा में है, और महंगाई के समय कीमत बचाए रखता है, जिससे लंबी अवधि में इसमें निवेश फायदेमंद माना जाता है।

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भविष्य में कीमतों का अनुमान

सोने की कीमतें भविष्य में नई ऊँचाई को छू सकती हैं। गोल्डमैन सैक्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने अगले साल तक सोने(Gold Silver) के लिए 5,000 डॉलर प्रति औंस का लक्ष्य रखा है, जो मौजूदा एक्सचेंज रेट के हिसाब से लगभग ₹1,55,000 प्रति 10 ग्राम होगा। वहीं, ब्रोकरेज फर्म पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा ने भी सोने के ₹1,44,000 प्रति 10 ग्राम तक जाने का अनुमान लगाया है, जो निवेशकों के लिए बड़ा आकर्षण है।

3 अक्टूबर को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने और 1 किलो चांदी की कीमतें क्या थीं, और उन्होंने किस तारीख को ऑल टाइम हाई बनाया था?

3 अक्टूबर को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,16,833 थी, जबकि 1 किलो चांदी की कीमत ₹1,45,010 थी। दोनों ने 1 अक्टूबर को ऑल टाइम हाई बनाया था (सोना: ₹1,17,332 और चांदी: ₹1,45,120)।

कौन से दो बड़े कारण सोने में तेज़ी के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़िम्मेदार हैं, जिनका ज़िक्र रिपोर्ट में किया गया है?

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने में तेज़ी के दो बड़े कारण हैं:

  1. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनिया भर के बैंक डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करने और अपने खजानों में सोने का हिस्सा बढ़ाने के लिए लगातार खरीदारी कर रहे हैं।
  2. डीडॉलराइजेशन: कई देश डॉलर का इस्तेमाल कम करके अपने आर्थिक मॉडल बदल रहे हैं, जिससे डॉलर के कमजोर होने पर सोने में तेज़ी आती है।

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