2025 में सोने की रफ्तार ने सबको चौंकाया
नई दिल्ली: 2025 में सोने(Gold) की कीमतों में अभूतपूर्व उछाल देखा गया है। 16 अक्टूबर को भारत(India) में सोना रिकॉर्ड 1,28,395 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया, जो जनवरी से करीब 67% की वृद्धि दर्शाता है। इसने न केवल शेयर बाजार को पीछे छोड़ा, बल्कि निवेशकों को दो खेमों में बांट दिया है — एक पक्ष इसे लंबी अवधि की तेजी मान रहा है, जबकि दूसरा गिरावट की चेतावनी दे रहा है। विशेषज्ञों के बीच अब यह बहस तेज हो गई है कि क्या आने वाले वर्षों में सोना 3 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
निवेशकों की मांग से बढ़ी कीमतें
विश्लेषण बताते हैं कि इस तेजी की मुख्य वजह केंद्रीय बैंकों से ज्यादा निजी निवेशक हैं। 2025 में सितंबर तक गोल्ड ईटीएफ(Gold ETF) में 64 अरब डॉलर से अधिक का निवेश आया, जो पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना है। इन निवेशों का आधा हिस्सा उत्तरी अमेरिका से आया, जहां निवेशक डॉलर की कमजोरी और ब्याज दरों में गिरावट के कारण सुरक्षित विकल्प तलाश रहे थे।
रिसर्च एनालिस्ट राहुल जैन(Rahul Jain) ने कहा, “सोने की यह चाल 100 वर्षों में सबसे तेज रही है। व्यापारिक तनाव और ब्याज दरों में कटौती ने इस रफ्तार को और बढ़ावा दिया है।” वहीं, चीन, तुर्की और पोलैंड जैसे देशों ने इस वर्ष लगभग 70 टन सोना खरीदा है, जिससे वैश्विक मांग बनी हुई है।
क्या सच में होगा 3 लाख का स्तर हासिल?
ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार, 1980 के दशक में निजी निवेशकों ने अपनी संपत्ति का लगभग 8% सोने में निवेश किया था, जबकि अब यह हिस्सा दोबारा बढ़ने लगा है। जैन का मानना है कि यदि निजी निवेशक और केंद्रीय बैंक दोनों अपनी हिस्सेदारी को ऐतिहासिक औसत पर वापस ले आते हैं, तो कीमतों में एक और बड़ा उछाल संभव है। इससे अगले 5–10 वर्षों में सोना 3 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
हालांकि, अल्पकालिक स्थिति इतनी स्थिर नहीं है। सोना अपने 200-दिन के मूविंग एवरेज से काफी ऊपर कारोबार कर रहा है, जो तकनीकी रूप से एक संभावित गिरावट का संकेत देता है।
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समझदारी से करें सोने में निवेश
विशेषज्ञों की राय है कि फिलहाल ऊंची कीमतों पर निवेश करने से बचना चाहिए। जैन ने सलाह दी कि निवेशक बाजार के औसत स्तर पर लौटने का इंतजार करें और एसआईपी(SIP) या किस्तों के माध्यम से धीरे-धीरे निवेश बढ़ाएं।
गोल्ड ईटीएफ फिलहाल सबसे सुरक्षित माध्यम माने जा रहे हैं क्योंकि वे लिक्विड और पारदर्शी हैं। निवेशकों को ईटीएफ खरीदते समय एक्सपेंस रेशियो और एनएवी में अंतर जैसे संकेतकों पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे अधिक कीमत चुकाने से बचें।
क्या आने वाले वर्षों में सोना नया रिकॉर्ड बनाएगा?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि निवेशकों और केंद्रीय बैंकों की मांग बढ़ी रही, तो 2030 तक सोना 3 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
निवेशकों को अभी सोने में क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
राहुल जैन के अनुसार, जल्दबाजी में निवेश से बचना चाहिए। कीमतों में गिरावट आने पर धीरे-धीरे निवेश करना अधिक लाभदायक रहेगा।
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