गूगल अभियोग: ब्रिटेन में गूगल के विरुद्ध एक बड़ा कानूनी कदम उठाया गया है। टेक दिग्गज कंपनी पर ऑनलाइन विज्ञापन बाजार और सर्च इंजन में अपनी एकाधिकार का दुरुपयोग करने का इलज़ाम लगा है। इस मसला में गूगल के खिलाफ करीब 55,000 करोड़ रुपये (£5 Billion) का क्लास एक्शन दावा यूके कंपीटीशन निवेदन ट्रिब्यूनल में दायर किया गया है।
गूगल के विरुद्ध दावा किसने और क्यों दायर किया?
प्रतिस्पर्धा कानून की विशेषज्ञ प्रोफेसर या ब्रूक ने ब्रिटेन की हजारों संगठन की ओर से यह दावा दायर किया है। ये संगठन 2011 से अब तक गूगल के ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं का इस्तेमाल कर चुकी हैं। आरोप है कि गूगल ने मोबाइल निर्माताओं के साथ समझौता कर अपने क्रोम ब्राउज़र और गूगल सर्च को डिफॉल्ट एप बना दिया। इसके चलते अन्य सर्च इंजन को यूजर्स तक पहुँचने में अनेक समस्याएं आईं।
गूगल अभियोग क्या हैं इलज़ाम गूगल पर?
- गूगल ने अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल कर विज्ञापन दरें ज़रूरी रूप से बढ़ाईं।
- एंड्रॉयड डिवाइसेस में गूगल सर्च को डिफॉल्ट बनवाकर मुकाबला अंत की।
- कंपनियों को ऊंची मूल्य पर विज्ञापन देने के लिए विवश किया गया।

यूके की कंपीटीशन एंड मार्केट्स अथॉरिटी (CMA) की 2020 की स्टडी में भी कहा गया था कि सर्च विज्ञापन बाजार में गूगल की भागीदारी 90% से ज़्यादा है।
गूगल पर इस दावा का असर
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर न्यायालय ने गूगल के विरुद्ध निर्णय दिया, तो उसे हजारों संगठन को भारी मुआवजा देना पड़ सकता है। साथ ही, डिजिटल विज्ञापन बाजार में कड़े कानून लागू हो सकते हैं। यूरोप और अमेरिका में चल रही एंटीट्रस्ट अनुसंधान को भी इससे ऊर्जा मिल सकती है।
यह व्यवहार गूगल के बिजनेस मॉडल की पारदर्शिता पर भी महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े कर सकता है, जो भावी काल में अन्य टेक दिग्गजों के लिए एक नजीर बन सकता है।