Breaking News: Government: सरकार ने अपना काम कर दिया

By Dhanarekha | Updated: September 18, 2025 • 2:31 PM

अब कंपनियों की बारी, वित्त मंत्री सीतारमण ने क्यों कहा ऐसा?

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय उद्योग जगत से उत्पादन क्षमता बढ़ाने और निवेश करने का आग्रह किया है। उन्होंने यह बात एक कार्यक्रम में कही, जहाँ उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार(Government) ने कारोबार करने में आसानी, कर सुधार और एफडीआई(FDI) उदारीकरण जैसे क्षेत्रों में कंपनियों की उम्मीदों के अनुरूप काम किया है। सीतारमण के इस बयान का सीधा मतलब यह है कि सरकार(Government) ने अर्थव्यवस्था के लिए एक अनुकूल माहौल बना दिया है और अब यह निजी क्षेत्र की जिम्मेदारी है कि वह इस माहौल का लाभ उठाए और निवेश को आगे बढ़ाए

सरकार का संदेश: ‘विकसित भारत’ के लिए निजी निवेश अनिवार्य

सरकार(Government) की ओर से कई सुधारात्मक और नीतिगत उपाय किए गए हैं, जिनका उद्देश्य निजी निवेश को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सुधारों में कोई ढिलाई नहीं बरती है और न ही उद्योग की मांगों को अनदेखा किया है। इन सुधारों में एमएसएमई(MSMI) क्षेत्र का समर्थन भी शामिल है, जहाँ सरकार(Government) यह सुनिश्चित कर रही है कि भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की इन क्लस्टर में भौतिक उपस्थिति हो। सीतारमण का मानना ​​है कि ‘विकसित भारत’ का मार्ग केवल सरकारी पहलों से पूरा नहीं होगा, बल्कि इसके लिए उद्योग जगत का सक्रिय योगदान भी आवश्यक है।

निजी निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास

वित्त मंत्री ने उद्योग जगत से युवाओं को कुशल बनाने और गुणवत्ता प्रबंधन में सरकार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में हस्तक्षेप और सुधार के लिए उद्योग जगत के अनुभवी लीडर्स का इनपुट महत्वपूर्ण है। एसएंडपी ग्लोबल के अनुमान के अनुसार, भारतीय कंपनियां अगले पांच वर्षों में 800-850 अरब डॉलर का निवेश कर सकती हैं। हालांकि, क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण निजी निवेश की गति धीमी है। सीतारमण का यह बयान इसी धीमी गति को तेज करने का एक प्रयास है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत से निवेश बढ़ाने का आग्रह क्यों किया?

सीतारमण ने कहा कि सरकार(Government) ने व्यवसाय को सुगम बनाने, कर सुधारों और एफडीआई उदारीकरण जैसे कई क्षेत्रों में आवश्यक सुधार और नीतिगत उपाय किए हैं। उनका मानना ​​है कि सरकार ने अपनी भूमिका पूरी कर दी है और अब आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने के लिए कंपनियों की बारी है कि वे उत्पादन क्षमता का विस्तार करें और निवेश करें।

सरकार ने ‘विकसित भारत’ के लिए कौन से दो प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया है?

वित्त मंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत’ की राह पर आगे बढ़ने के लिए सरकार बुनियादी ढांचे के विकास और मानव संसाधन प्रशिक्षण पर विशेष जोर दे रही है। इसके अलावा, उन्होंने गुणवत्ता प्रबंधन और विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों में सुधार के लिए उद्योग के सहयोग को भी आवश्यक बताया है।

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