रिलायंस शीर्ष पर, LIC-TCS को झटका
मुंबई: बीते सप्ताह मार्केट कैपिटलाइज़ेशन(Market Cap) (बाजार पूंजीकरण) के लिहाज़ से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 की वैल्यू में सामूहिक रूप से ₹2.03 लाख करोड़ की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस बढ़त में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) सबसे आगे रही, जिसका मार्केट कैप ₹47,363.65 करोड़ बढ़कर ₹19.17 लाख करोड़ हो गया। रिलायंस के अलावा, भारती एयरटेल (₹41,254 करोड़ की वृद्धि) और ICICI बैंक (₹40,123.88 करोड़ की वृद्धि) ने भी महत्वपूर्ण उछाल देखा। यह वृद्धि HDFC बैंक, बजाज फाइनेंस, SBI और इंफोसिस में भी दर्ज की गई, जो बाज़ार में सकारात्मक रुझान का संकेत देती है, खासकर शुक्रवार को, जब सेंसेक्स 484 अंक और निफ्टी 124 अंक चढ़कर बंद हुए थे।
मार्केट कैप में गिरावट वाली प्रमुख कंपनियाँ
सकारात्मक रुझान के बावजूद, तीन प्रमुख कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइज़ेशन(Market Cap) में गिरावट देखने को मिली। TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) का मार्केट कैप ₹23,807.01 करोड़ घटकर ₹10.71 लाख करोड़ पर आ गया, जो टॉप-10 में सबसे बड़ी गिरावट थी। इसके बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) का मार्केट कैप ₹17,070.44 करोड़ कम होकर ₹6.12 लाख करोड़ पर आ गया। वहीं, LIC (भारतीय जीवन बीमा निगम) के मार्केट कैप में भी ₹7,684.87 करोड़ की कमी आई और यह ₹5.60 लाख करोड़ पर आ गया। यह गिरावट इन कंपनियों के शेयर की कीमतों में आई कमी या बाज़ार में उनके प्रदर्शन को लेकर नकारात्मक धारणा के कारण हो सकती है।
अन्य पढ़े: Latest Hindi News : धनतेरस पर ज्वैलरी बाजार में रौनक, 50 हजार करोड़ की बिक्री का अनुमान
मार्केट कैपिटलाइज़ेशन का महत्व और प्रभाव
किसी भी कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य और बाज़ार में उसकी स्थिति को मार्केट कैपिटलाइज़ेशन(Market Cap) दर्शाता है। जैसा कि स्पष्ट किया गया है, यह कुल आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या को उनकी वर्तमान बाजार कीमत से गुणा करके निकाला जाता है। मार्केट कैप में वृद्धि निवेशकों के लिए सीधे संपत्ति में वृद्धि लाती है, क्योंकि उनके शेयरों का मूल्य बढ़ जाता है। कंपनी के लिए, बड़ा मार्केट कैप बाज़ार से फंड जुटाने, लोन प्राप्त करने या अन्य कंपनियों का अधिग्रहण करने की उसकी क्षमता को बढ़ाता है। इसके विपरीत, मार्केट कैप में गिरावट न केवल निवेशकों को नुकसान पहुँचाती है, बल्कि कंपनी की वित्तीय निर्णय लेने की क्षमता को भी सीमित कर सकती है। इस प्रकार, मार्केट कैप में उतार-चढ़ाव कंपनियों और निवेशकों दोनों के भविष्य की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मार्केट कैपिटलाइज़ेशन घटने या बढ़ने के प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?
मार्केट कैपिटलाइज़ेशन(Market Cap) में बढ़ोतरी का मतलब अक्सर शेयर की कीमत में वृद्धि, कंपनी का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, या उसके बारे में कोई पॉजिटीव न्यूज/इवेंट होता है। वहीं, मार्केट कैप में गिरावट आमतौर पर शेयर प्राइस में गिरावट, कंपनी के खराब नतीजे, कोई नेगेटिव न्यूज या इकोनॉमी/मार्केट में गिरावट को दर्शाती है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) का मार्केट कैप बढ़ने के बाद कितना हो गया है और यह किस बात का प्रतीक है?
(RIL) का मार्केट कैप ₹47,363.65 करोड़ बढ़कर ₹19.17 लाख करोड़ पर पहुँच गया है। मार्केट कैप में यह महत्वपूर्ण वृद्धि रिलायंस को देश की सबसे बड़ी कंपनी के रूप में उसकी स्थिति को और मजबूत करती है और निवेशकों तथा बाज़ार का कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन पर उच्च विश्वास होने का प्रतीक है।
अन्य पढ़े: