कर्मचारी संबंधों पर सख्त कंपनी का कदम
मुंबई: FMCG कंपनी नेस्ले(Nestle) ने अपने चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर(CEO) लॉरेंट फ्रीक्स को नौकरी से हटा दिया है। फ्रीक्स पर आरोप था कि उन्होंने अपनी डायरेक्ट सबऑर्डिनेट के साथ अफेयर छिपाया और कंपनी को इसकी जानकारी नहीं दी। यह कंपनी की नीतियों का गंभीर उल्लंघन माना गया। उनकी जगह फिलिप नवरातिल(Philipp Navratil) को नया CEO नियुक्त किया गया है।
अफेयर छिपाने पर जांच के बाद कार्रवाई
कंपनी की आंतरिक जांच में यह साबित हुआ कि फ्रीक्स का अपनी पीए के साथ गुप्त संबंध था। इस जांच में बाहरी वकीलों को भी शामिल किया गया और इसकी निगरानी चेयरमैन पॉल बल्के व लीड इंडिपेंडेंट डायरेक्टर पाब्लो इस्ला ने की।
पॉल बल्के ने कहा कि नेस्ले(Nestle) के मूल्य और नियम हमारे लिए सर्वोपरि हैं। फ्रीक्स ने कंपनी को 40 साल तक सेवा दी, परंतु यह कदम आवश्यक था।
नया CEO और भविष्य की दिशा
फिलिप नवरातिल ने तुरंत प्रभाव से पद संभाल लिया है। उन्होंने 2001 में नेस्ले से करियर शुरू किया और कई देशों में काम करते हुए वरिष्ठ पदों तक पहुंचे। पिछले वर्ष वे नेस्प्रेसो के प्रमुख बने और इस साल बोर्ड में शामिल हुए थे।
नवरातिल ने कहा कि वे कंपनी की स्ट्रैटजिक दिशा और परफॉर्मेंस को मजबूत करने की योजना का पूरा समर्थन करते हैं।
वर्कप्लेस रिलेशनशिप पर नियम
कंपनियों में रोमांटिक रिलेशनशिप को लेकर सख्त गाइडलाइंस होती हैं। खासतौर पर जब सीनियर-जूनियर या बॉस-सबऑर्डिनेट के बीच संबंध हों। इससे कार्यस्थल पर पक्षपात और गोपनीयता पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
भारत में भी ऑफिस रोमांस को लेकर कंपनियां सख्ती बरतती हैं। पॉलिसी वायलेशन की स्थिति में चेतावनी, सस्पेंशन, टर्मिनेशन और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई तक की जा सकती है।
लॉरेंट फ्रीक्स को क्यों हटाया गया?
लॉरेंट फ्रीक्स ने अपनी डायरेक्ट सबऑर्डिनेट के साथ अफेयर की जानकारी कंपनी को नहीं दी। यह नेस्ले की नीतियों का उल्लंघन था, इसलिए जांच के बाद उन्हें पद से हटाना पड़ा।
ऑफिस रिलेशनशिप पर कंपनियां सख्त क्यों होती हैं?
सीनियर और जूनियर कर्मचारियों के बीच रिश्ते से हितों का टकराव हो सकता है और कार्यस्थल पर निष्पक्ष माहौल प्रभावित होता है। इसलिए कंपनियां ऐसे मामलों को गंभीरता से लेकर सख्त कार्रवाई करती हैं।
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