Patanjali Expansion: पतंजलि आयुर्वेद ने स्वदेशी और आत्मनिर्भर हिन्दुस्थान की सोच को आगे बढ़ाते हुए अब फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) के दायरे से बाहर कदम रख दिए हैं।
कंपनी का दावा है कि उसने हर्बल दंत कांति, केश कांति और घी जैसे उत्पादों से जो आरंभ की थी, वह अब वित्तीय सेवाओं, हेल्थकेयर और शिक्षा जैसे नए प्रदेशों में प्रवेश कर चुकी है।
पतंजलि का जोर प्राकृतिक सामग्री, किफायती मूल्य और स्वदेशी पहचान पर रहा है, जिससे कंपनी ने शहरी और ग्रामीण भारत दोनों में व्यापक वितरण नेटवर्क खड़ा किया है।
Patanjali Expansion: इसके साथ ही पतंजलि ने लाखों छोटे उद्योगों और किसानों को जोड़कर ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को जमीनी स्तर पर गति दी है।
कंपनी सीधे किसानों से कच्चा माल खरीदती है और जैविक खेती को बढ़ावा देती है, जिससे ग्रामीण भारत में आय और रोजगार दोनों को बल मिला है।

वित्तीय सेवाओं और वैश्विक विस्तार की ओर कदम
FMCG सेक्टर में पुष्ट पकड़ बनाने के बाद पतंजलि अब वित्तीय दुनिया में भी दस्तक दे चुकी है। मैग्मा जनरल इंश्योरेंस में हिस्सेदारी लेकर बीमा प्रदेश में कंपनी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
यह रणनीतिक कदम पतंजलि के विविध व्यवसायिक पोर्टफोलियो को और मजबूती प्रदान करता है।
केवल भारत ही नहीं, कंपनी ने 30 से अधिक देशों में अपने उत्पादों का निर्यात प्रारंभ कर भारत की साख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ाई है।
इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य और अनुसंधान में निवेश कर पतंजलि सामाजिक कर्तव्य निभा रही है।
कंपनी का दावा है कि उसका बिजनेस मॉडल ‘मेक इन इंडिया’ और MSME सेक्टर को तकनीकी सहायता देकर स्थानीय उद्यमियों को सशक्त बना रहा है।
अगले पांच सलों में पतंजलि का उद्देश्य भारत की शीर्ष FMCG कंपनियों में सम्मिलित होना है, जो हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियों को चुनौती देगा।