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Breaking News: PDI: PDI: नई कार डिलीवरी से पहले ज़रूरी जाँच

Dhanarekha
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Breaking News: PDI: PDI: नई कार डिलीवरी से पहले ज़रूरी जाँच

नई दिल्ली: त्योहारी सीज़न(Festive Season) में अगर आप नई कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) बहुत ज़रूरी है। PDI का मतलब है प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन, यह वह प्रक्रिया है जिसमें कार की डिलीवरी से पहले उसके इंटीरियर, एक्सटीरियर, इंजन और सभी फीचर्स की जाँच की जाती है कि वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। डीलर द्वारा कार को तैयार करने के बाद, ग्राहक भी खुद अपने स्तर पर इसकी जाँच कर सकता है। ऐसा करना इसलिए ज़रूरी है ताकि डीलर आपको कोई नुकसान वाली या ख़राब कार न दे दे, जिसमें डिलीवरी के बाद आपको समस्या आए या आपका खर्च बढ़ जाए

प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन क्यों ज़रूरी और इसे कैसे करें?

PDI यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप जिस कार के लिए भुगतान कर रहे हैं वह पूरी तरह से दोषमुक्त है। डीलर अक्सर छोटी-मोटी समस्याओं को छिपाने की कोशिश करते हैं, इसलिए कार के रजिस्ट्रेशन से पहले ही PDI करना सबसे अच्छा होता है। आपको हमेशा ऐसी जगह पर PDI करना चाहिए जहाँ पर्याप्त रोशनी हो, ताकि आप कार के हर हिस्से को ठीक से देख सकें। यदि संभव हो, तो अपने साथ किसी एक्सपर्ट या मैकेनिक को ले जाएं; यदि नहीं, तो आप खुद भी जाँच कर सकते हैं। जाँच शुरू करने से पहले, इंजन, एक्सटीरियर, इंटीरियर, टायर और डॉक्यूमेंट्स जैसे सभी पॉइंट्स को कवर करने के लिए एक चेकलिस्ट बनाना बेहद उपयोगी होता है।

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प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन को 7 चरणों में बाँटा जा सकता है जिससे कोई भी महत्वपूर्ण पहलू छूट न जाए:

चेक लिस्ट बनाएं: सबसे पहले इंजन, एक्सटीरियर, इंटीरियर, टायर, फीचर्स, पेंटवर्क आदि की जाँच के लिए एक विस्तृत सूची तैयार करें।

एक्सटीरियर: कार के चारों ओर घूमें और डैमेज, डेंट या स्क्रैच के लिए जाँच करें। शरीर पर हाथ फेरकर देखें कि कहीं पॉलिश के नीचे स्क्रैच तो नहीं छिपा है। पेंटवर्क में अंतर और सभी टायरों की स्थिति (स्टेपनी सहित) भी जाँचें।

इंटीरियर: डैशबोर्ड, सीटें और ग्लवबॉक्स की जाँच करें। फर्श के कारपेट हटाकर देखें कि कहीं नमी या गंदगी तो नहीं है। सभी स्विच और एयर कंडीशनर (AC) को चलाकर देखें।

इंजन, ओडोमीटर और फ्यूल: इंजन ऑयल, कूलेंट और ब्रेक फ्लूइड जैसे सभी फ्लूइड लेवल्स की जाँच करें। इंजन स्टार्ट करें और असामान्य आवाज़ या लीकेज देखें। ओडोमीटर रीडिंग 30-50 किमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। फ्यूल लेवल भी चेक करें।

कार के डॉक्युमेंट्स: रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस, वारंटी कार्ड, सर्विस बुक और सबसे महत्वपूर्ण ‘फॉर्म 22’ चेक करें। सुनिश्चित करें कि VIN, इंजन नंबर और चेसिस नंबर डॉक्यूमेंट्स से मेल खाते हों।

टेस्ट ड्राइव लें: डीलर प्रतिनिधि के साथ स्टीयरिंग, गियरशिफ्टर, ब्रेक और सस्पेंशन की जाँच के लिए एक टेस्ट ड्राइव लें। अत्यधिक शोर या कंपन पर ध्यान दें।

इंस्पेक्शन का वीडियो बनाएं: सभी जाँच करने के बाद ही कार को अपने नाम पर रजिस्टर्ड कराएं। अधिक सुरक्षित महसूस करने के लिए पूरे इंस्पेक्शन का एक वीडियो बनाना भी फायदेमंद हो सकता है।

प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) कब और कहाँ करना चाहिए?

रजिस्ट्रेशन होने से पहले ही कार का PDI कर लेना चाहिए। PDI हमेशा अच्छी रोशनी वाली जगह पर करना चाहिए। यदि डीलर आपको PDI करने से रोकता है, तो समझ जाइए कि कार में कुछ गड़बड़ है, और आपको ऐसी कार लेने से मना कर देना चाहिए।

कार की डिलीवरी लेते समय ग्राहकों को किस तरह के हिडन चार्जेज पर ध्यान देना चाहिए?

कार की डिलीवरी लेते समय इनवॉइस (बिल) को ध्यान से देखें। कई डीलर फ़ाइल चार्जेज, सर्विस चार्जेज, हैंडलिंग चार्जेज और एक्सेसरीज चार्जेज जैसे लगभग ₹5,000 से ₹10,000 तक के हिडन चार्जेज जोड़ देते हैं। यह ध्यान रखें कि सर्विस चार्ज गैरकानूनी है और आपको इस पर तुरंत आपत्ति उठानी चाहिए, या बुकिंग के समय ही डीलर से स्पष्ट कर देना चाहिए कि आप कोई हिडन चार्ज नहीं देंगे।

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