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Breaking News: PhonePe: फोनपे आईपीओ से बाजार में हलचल

Dhanarekha
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Breaking News: PhonePe: फोनपे आईपीओ से बाजार में हलचल

डिजिटल पेमेंट कंपनी की बड़ी तैयारी

नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे(PhonePe) ने शेयर बाजार में उतरने की दिशा में अहम कदम बढ़ा दिया है। कंपनी लगभग 13 हजार करोड़ रुपये (1.5 बिलियन डॉलर) का आईपीओ लाने की योजना बना रही है। इससे फोनपे(PhonePe) की वैल्यूएशन करीब 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इससे पहले पेटीएम(Paytm) और मोबिक्विक जैसी कंपनियां भी बाजार में कदम रख चुकी हैं। कंपनी का कहना है कि उसने सेबी(SEBI), बीएसई और एनएसई में सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए हैं

वित्तीय प्रदर्शन और चुनौतियां

फोनपे(PhonePe) के हालिया वित्तीय परिणामों पर नजर डालें तो 2024-25 में कंपनी का घाटा घटकर 1,727.4 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल 1,996.1 करोड़ रुपये था। यह कमी कंपनी की कमाई में हुई 40% से अधिक की बढ़ोतरी के कारण आई। पिछले वित्त वर्ष में इसकी ऑपरेटिंग रेवेन्यू 7,114.8 करोड़ रुपये रही, जबकि साल 2023-24 में यह 5,064.1 करोड़ रुपये थी।

दूसरी ओर, कंपनी का कुल खर्च भी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2024-25 में इसका खर्च 21.1% बढ़कर 9,394 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसमें पेमेंट प्रोसेसिंग फीस और कर्मचारियों की लागत का बड़ा योगदान रहा। पेमेंट सेटलमेंट फीस 44.7% बढ़कर 1,688.1 करोड़ रुपये हो गई। वहीं कर्मचारियों पर होने वाला खर्च 13.6% तक बढ़ा।

विस्तार की रणनीति और निवेश

फोनपे केवल पेमेंट सेवा तक सीमित नहीं रही है। कंपनी ने क्रेडिट, इंश्योरेंस और स्टॉक ब्रोकिंग जैसे क्षेत्रों में भी प्रवेश किया है। हाल ही में इसे रिजर्व बैंक से पेमेंट एग्रीगेटर का लाइसेंस मिला है, जिससे यह ऑनलाइन मर्चेंट पेमेंट सेवाएं देने में सक्षम होगी।

कंपनी ने वेल्थ मैनेजमेंट और ऐप डिस्ट्रीब्यूशन में भी निवेश किया है। वर्ष 2022 में फोनपे ने अपना मुख्यालय सिंगापुर से भारत में शिफ्ट किया था। इसके साथ ही इसने IndusOS Appstore का स्वामित्व भी अपने हाथों में ले लिया। इन कदमों को घरेलू लिस्टिंग की तैयारी माना जा रहा है।

देश की प्रमुख फिनटेक कंपनियों में शामिल

फोनपे 2018 से वॉलमार्ट के समर्थन से भारत में काम कर रही है और यह गूगलपे व पेटीएम जैसी कंपनियों को कड़ी टक्कर देती है। अगर इसका आईपीओ सफल होता है, तो यह भारत के सबसे बड़े फिनटेक आईपीओ में से एक बन सकता है। इससे यह संकेत भी मिलेगा कि निवेशक घाटे में चल रही लेकिन तेजी से बढ़ती टेक कंपनियों पर कितना भरोसा करते हैं।

फोनपे का घाटा घटने के पीछे मुख्य कारण क्या है?

कंपनी की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में इसकी ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 40% से अधिक का इजाफा हुआ, जिससे घाटा कम करने में मदद मिली।

क्या फोनपे का आईपीओ भारत का सबसे बड़ा होगा?

फोनपे का आईपीओ देश के सबसे बड़े फिनटेक आईपीओ में गिना जाएगा। इसकी सफलता से निवेशकों के विश्वास और फिनटेक सेक्टर की संभावनाओं का अंदाजा लगाया जा सकेगा।

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