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Breaking News: Prices Fell: रिकॉर्ड ऊंचाई से गिरे सोने-चांदी के दाम

Dhanarekha
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Breaking News: Prices Fell: रिकॉर्ड ऊंचाई से गिरे सोने-चांदी के दाम

दिवाली के बाद क्यों आई भारी गिरावट?

नई दिल्ली: दिवाली के बाद भारतीय बाजार में सोने और चांदी दोनों की कीमतों में भारी गिरावट(Prices Fell) दर्ज की गई है। 22 अक्टूबर को, 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का दाम अपने ऑल टाइम हाई (₹1,29,584) से ₹5,677 घटकर ₹1,23,907 के स्तर पर आ गया। वहीं, चांदी की कीमतों में एक दिन में ही ₹10,549 की तेज गिरावट आई, जिससे यह अपने रिकॉर्ड हाई (₹1,78,100) से ₹25,599 सस्ती होकर ₹1,52,501 प्रति किलो पर बिक रही है। यह गिरावट(Prices Fell) मुख्य रूप से तेज रैली के बाद मुनाफावसूली और बदलते वैश्विक माहौल का परिणाम है

गिरावट के मुख्य कारण: मांग में कमी और वैश्विक तनाव में ढील

सीजनल बाइंग का खत्म होना: दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के बाद भारत में सोने-चांदी की मांग में कमी आई है, जो कीमतों पर दबाव डालती है।
ट्रेड टेंशन में ढील: अमेरिका और चीन के बीच संभावित व्यापार समझौते की खबरों ने ‘सेफ-हेवन’ संपत्ति जैसे सोने-चांदी की जरूरत को कम कर दिया है। जब भू-राजनीतिक या आर्थिक तनाव कम होता है, तो निवेशक सुरक्षित संपत्तियों से मुनाफा बुक करके जोखिम भरी संपत्तियों (Riskier Assets) की ओर रुख करते हैं।
प्रॉफिट-टेकिंग: कीमतों में तेज उछाल के कारण, निवेशक अपनी रिकॉर्ड-तोड़ ऊँचाई पर पहुंची होल्डिंग्स से मुनाफावसूली (Profit-Taking) कर रहे हैं, जिससे बाजार में बिकवाली बढ़ी है।

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लंबी अवधि का उछाल: इस साल की रिकॉर्डतोड़ बढ़त

बावजूद इसके कि हाल में दाम गिरे(Prices Fell) हैं, इस साल सोना-चांदी ने अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। 31 दिसंबर 2024 से अब तक, सोने की कीमत ₹47,745 (₹76,162 से ₹1,23,907 तक) बढ़ चुकी है, जबकि चांदी का भाव ₹66,484 (₹86,017 से ₹1,52,501 तक) बढ़ा है। यह लंबी अवधि की बढ़त वैश्विक मुद्रास्फीति की चिंताओं, अस्थिर आर्थिक माहौल और मजबूत औद्योगिक मांग (चांदी के लिए) को दर्शाती है। निवेशकों को खरीदारी करते समय हमेशा BIS हॉलमार्क देखकर सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदना चाहिए और कीमत को IBJA जैसी विश्वसनीय संस्थाओं से क्रॉस चेक करना चाहिए।

दिवाली के बाद सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का सबसे बड़ा कारण क्या है?

गिरावट(Prices Fell) का सबसे बड़ा कारण तेज उछाल के बाद मुनाफावसूली, भारत में सीजनल खरीदारी का खत्म होना, और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में संभावित ढील आना है।

सोने-चांदी को ‘सेफ-हेवन’ संपत्ति क्यों कहा जाता है, और वैश्विक तनाव कम होने पर इनकी कीमतों पर क्या असर होता है?

सोना-चांदी को ‘सेफ-हेवन’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि आर्थिक या भू-राजनीतिक मुश्किलों (जैसे मंदी या युद्ध) के समय निवेशक अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए इनमें निवेश करते हैं। जब वैश्विक तनाव कम होता है, तो सेफ-हेवन की मांग घटती है और इनकी कीमतें गिरने लगती हैं।

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