57 नए केंद्रीय विद्यालय भी मंजूर
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से एक बड़ा फैसला लिया। कैबिनेट ने ‘दालों में आत्मनिर्भरता के लिए मिशन’ को मंजूरी दी है, जिसका लक्ष्य देश में दालों(Pulses) का उत्पादन बढ़ाना और आयात पर निर्भरता को कम करना है। यह मिशन छह साल की अवधि (2025-26 से 2030-31 तक) के लिए लागू होगा और इस पर कुल ₹11,440 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने रबी की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के रूप में ₹842 अरब की राशि भी मंजूर की है, जिससे किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा।
उत्पादन वृद्धि की रणनीति: रिसर्च, बीज और रकबे पर जोर
दालों(Pulses) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए यह मिशन एक बहुआयामी रणनीति पर काम करेगा। इसमें शोध एवं अनुसंधान, उन्नत बीज प्रणाली, खेती का रकबा बढ़ाना, और कीमतों में स्थिरता लाना शामिल है। मिशन का मुख्य ध्यान अधिक पैदावार देने वाली, कीट-प्रतिरोधी और मौसम के अनुकूल दालों की किस्में विकसित करने पर है। गुणवत्तापूर्ण बीज सुनिश्चित करने के लिए, ICAR ब्रीडर बीजों की देखरेख करेगा, जबकि राज्य व केंद्र की एजेंसियाँ प्रमाणित बीज तैयार करेंगी। इनकी निगरानी SATHI पोर्टल के माध्यम से होगी। इस योजना के तहत, 2030-31 तक 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को वितरित किए जाएंगे, जिससे 370 लाख हेक्टेयर जमीन पर दालों की खेती हो सकेगी।
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शैक्षिक विस्तार: 57 नए केंद्रीय विद्यालय की सौगात
दाल(Pulses) मिशन के साथ ही, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण शैक्षिक फैसला भी लिया। देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (KVs) खोलने की मंजूरी दी गई है। यह निर्णय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की बढ़ती संख्या की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया है। इन नए 57 KVs को पहली बार बालवाटिका (तीन साल का प्री-प्राइमरी स्तर) के साथ मंजूरी मिली है। इन नए स्कूलों पर नौ साल की अवधि (2026-27 से शुरू) में कुल ₹5,862.55 करोड़ खर्च होने का अनुमान है, जो देश के शैक्षिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा।
‘दालों में आत्मनिर्भरता के लिए मिशन’ की अवधि और अनुमानित कुल लागत क्या है?
यह मिशन छह साल की अवधि (2025-26 से 2030-31) के लिए लागू रहेगा, और इस पर कुल ₹11,440 करोड़ खर्च किए जाने का अनुमान है।
दाल मिशन के तहत बीज उत्पादन की निगरानी किस पोर्टल के माध्यम से की जाएगी, और 2030-31 तक कितना रकबा बढ़ने का लक्ष्य है?
बीज उत्पादन की निगरानी SATHI पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। इस मिशन का लक्ष्य 2030-31 तक दालों की खेती का रकबा बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर तक करना है, जिससे उत्पादन 350 लाख टन तक पहुँचने की उम्मीद है।
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