7 महीने में हुआ सबसे मजबूत, 44 पैसे बढ़कर 84 रु. प्रति डॉलर के करीब पहुंचा44 पैसे की छलांग
भारतीय रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 44 पैसे मजबूत हुआ, जो एक दिन में रुपये की सबसे बड़ी छलांगों में से एक है। इस मजबूती के साथ रुपया लगभग 84 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुँच गया।
डॉलर की कमजोरी बनी रुपये की ताकत
अमेरिकी डॉलर में गिरावट
डॉलर इंडेक्स में आई गिरावट ने रुपये को मजबूती प्रदान की। अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में कमजोरी और फेडरल रिजर्व की दरों में कटौती की संभावना के कारण डॉलर दबाव में रहा।
अमेरिकी डॉलर के मूल्यों में लगातार आ रही गिरावट की वजह से भारतीय करेंसी अपना दम दिखा रही है. शुक्रवार को रुपया पिछले करीब 7 महीने में सबसे ऊपर चढ़कर 84.09 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और इसके बाद रुपया 0.85 पैसा और मजबूती के साथ 83.78 के स्तर पर पहुंच गया. साल 2024 के अक्टूबर के बाद ऐसा पहली बार है जब रुपया प्रति डॉलर 84 के स्तर पर पहुंचा है।
रुपये में इस बढ़त के पीछे साप्ताहिक लाभ समेत कई फैक्टर है. रुपये ने इस हफ्ते में लगभग 2% की बढ़त हासिल की है. इसके अलावा भारतीय इक्विटी में लगातार तेजी देखी गई. ट्रम्प प्रशासन के तहत अमेरिका-भारत व्यापार समझौते की जल्द होने वाली उम्मीदों को बढ़ाना भी रुपये की मूल्य में बढ़ोतरी का काम किया है. इसके साथ ही, विदेशी बैंकों की ओर से भारी डॉलर की बिकवाली (संभवतः विदेशी ग्राहकों की ओर से) और रुपये के खिलाफ मंदी की स्थिति का कम होना भी इसके लिए बेहतर रहा।
पिछले लगातार 11 सत्रों से विदेश संस्थागत निवेशकों ने भारतीय इक्विटी के खरीदार रहे हैं, जो पिछले दो साल में इस तरह का सबसे लंबा सिलसिला है. इसकी वजह से भी रुपये का मजबूती में जरदस्त समर्थन मिला है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में सीनियर रिसर्च दिलीप परमार का कहना है, नवंबर 2022 के बाद भारतीय रुपये में एक दिन में सबसे ज्यादा उछाल है. भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद अन्य एशियाई करेंसी में बढ़तर ने भी भारतीय रुपये की मजबूती में मदद की है।