TAX Deadline 15 जून तक नहीं किया भुगतान तो होगा नुकसान 15 जून की टैक्स डेडलाइन क्यों है अहम
भारत में इनकम टैक्स भरने की प्रक्रिया को चार किश्तों में बांटा गया है, जिन्हें Advance TAX कहा जाता है। पहली किश्त की अंतिम तारीख 15 जून होती है। यह तारीख उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है जिनकी सालाना अनुमानित टैक्स देनदारी ₹10,000 या उससे अधिक है।
अगर इस तारीख को टैक्स नहीं चुकाया गया तो इसका सीधा असर ब्याज और जुर्माने के रूप में भुगतना पड़ सकता है।
Advance TAX का क्या है नियम
- Advance TAX का भुगतान चार बार किया जाता है:
- 15 जून – 15% टैक्स भुगतान
- 15 सितंबर – 45% तक
- 15 दिसंबर – 75% तक
- 15 मार्च – 100% तक
- यदि आप फ्रीलांसर, प्रोफेशनल या व्यापारी हैं तो आपको Advance TAX भरना आवश्यक है।
- वेतनभोगी कर्मचारियों को आमतौर पर TDS के माध्यम से टैक्स कट चुका होता है, लेकिन अन्य आय जैसे FD, रेंट या कैपिटल गेन होने पर Advance TAX भरना पड़ सकता है।

अगर 15 जून की टैक्स डेडलाइन छूट गई तो?
यदि कोई टैक्सदाता 15 जून तक अपनी पहली किश्त जमा नहीं करता, तो उसे सेक्शन 234B और 234C के तहत ब्याज भरना पड़ता है।
ब्याज और पेनल्टी से जुड़ी बातें:
- 1% प्रतिमाह का ब्याज 234B के तहत
- 234C के तहत अतिरिक्त ब्याज भी लागू हो सकता है
- पूरे साल के कैलकुलेशन में यह छोटा विलंब बड़ा नुकसान बन सकता है
टैक्स भरने से पहले किन बातों का रखें ध्यान
- अपनी अनुमानित सालाना इनकम का आंकलन करें
- पिछले वर्ष की इनकम टैक्स रिटर्न देखें
- ब्याज, किराया, फ्रीलांस या अन्य स्रोतों से होने वाली आय को जोड़ें
- इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट या सलाहकार की मदद लें
किन्हें नहीं भरना होता Advance टैक्स
- जिनकी कुल टैक्स देनदारी ₹10,000 से कम है
- वेतनभोगी कर्मचारी जिनका TDS पूरी तरह कट चुका है
- वरिष्ठ नागरिक जिन्हें बिजनेस आय नहीं है

Advance TAX भुगतान कैसे करें
- इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉग इन करें
- ‘e-Pay टैक्स विकल्प चुनें
- चालान 280 के तहत Advance टैक्स विकल्प को चुनें
- नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, UPI के जरिए भुगतान करें
टैक्स समय पर जमा करना आपकी जिम्मेदारी है। खासकर 15 जून की पहली किश्त पर चूक से बचना चाहिए क्योंकि इससे ब्याज और पेनल्टी दोनों लग सकते हैं। यदि आपकी इनकम ₹10,000 से अधिक टैक्स देनदारी उत्पन्न करती है तो Advance TAX नियम का पालन करना अनिवार्य है।