Bihar Politics: अब इधर-उधर नहीं… सीएम नीतीश ने शाह के सामने फिर दी ‘सफाई’

सीएम नीतीश

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए में बने रहने की बात दोहराई और महागठबंधन में न जाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला आरक्षण में किए गए कार्यों का जिक्र किया

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हाइलाइट्स

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  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए में बने रहने की बात फिर दोहराई.
  • शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला आरक्षण में किए गए कार्यों का जिक्र किया.
  • सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद से अच्छे काम की सराहना की.

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर यह बात दोहराई है कि वह एनडीए में ही बने रहेंगे और अब इधर-उधर का कोई सवाल नहीं है. उन्होंने पटना के बापू सभागार में सहकारिता कार्यक्रम के आयोजन के दौरान कहा कि हमारी पार्टी के ही कुछ लोगों ने गड़बड़ कर दिया था और इसलिए हम इधर (एनडीए) से उधर (महागठबंधन) चले गए थे, लेकिन अब हम कभी उधर नहीं जाएंगे. उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने ही मुझे मुख्यमंत्री बनाया था. अटल बिहारी वाजपेई ने मुझ पर भरोसा जताया था. सीएम नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि जो लोग पहले बिहार में कोई काम नहीं हुआ था और हिंदू और मुस्लिम के बीच सिर्फ झगड़ा करवाते थे. पढ़ाई को लेकर कोई संसाधन नहीं था.

नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर हमने काम किए हैं. हमने बिहार में पंचायत में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया बिहार में स्वयं सहायता समूह बनाया और जीविका दीदी का नाम दिया. कांग्रेस की सरकार में एक मंत्री बिहार आये तो इसे देखकर केंद्र में जाकर इसी का नाम बदलकर आजीविका रख दिया. आज एक करोड़ 35 लाख जीविका दीदी समूह में हैं. हमने बिहार में सभी के लिए काम किया है. सीएम नीतीश ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में लाभुकों को हर मदद पहुंचाई जा रही है. वर्ष 2021 में सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद से अच्छा काम हुआ है. इसके लिए अमित शाह जी को बहुत बधाई देता हूं. वर्ष 2024 में बिहार से मिले केंद्र की सौगातों का जिक्र करते हुए सीएम नीतीश ने आभार जताया और कोसी मेची लिंक प्रोजेक्ट के साथ ही पटना-आरा-सासाराम फोरलेन की स्वीकृति को लेकर भी पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.

सीएम नीतीश का विपक्ष पर निशाना,

सीएम नीतीश कुमार ने कहां की वर्ष 2005 से पहले सिर्फ 30,000 करोड़ का बजट था आज 3 लाख 14 हजार करोड़ का बजट हो गया है. आज सिर्फ बोलकर विपक्ष दावा करता है. हमने जो किया उसे याद रखियेगा. बता दे कि बापू सभागार में उपस्थित भीड़ को देखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गदगद नजर आए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी से हाथ उठाकर समर्थन करने की अपील की नीतीश कुमार और सभी ने हाथ उठाकर नीतीश कुमार का समर्थन किया. लेकिन, सीएम नीतीश के संबोधन से अलग राजनीति के गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई कि आखिर नीतीश कुमार को बार-बार यह सफाई क्यों देनी पड़ रही है कि वह एनडीए में ही बने रहेंगे. राजनीति के जानकार इस सफाई को भी अपनी दृष्टि से देखते हैं.

सीएम नीतीश कुमार के स्टैंड को लेकर सियासत के सवाल

दरअसल, इसके पीछे की वजह बिहार की राजनीति में लगातार होती हलचल है. अभी हाल ही में वक्फ संशोधन बिल को लेकर जिस तरह से मुस्लिम संगठनों ने जदयू की इफ्तार पार्टी का बॉयकाट किया, उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के लिए एनडीए से अलग स्टैंड की बात करें. इसके पीछे का कारण राजनीति के जानकार बताते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि धर्मनिरपेक्ष राजनीति करने वाले नेता की रही है.ऐसे में मुस्लिम संगठनों की नाराजगी की वजह से वह कोई बड़ा फैसला भी ले सकते हैं. हालांकि, जदयू की ओर से कई बार यह बात बताई गई है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा और गठबंधन बड़ी जीत हासिल करेगा.

सियासत है, और इसमें कभी भी कोई मोड़ आ सकता है!

वहीं, दूसरी ओर राजनीति के जानकारे इन दावों से इतर इस बात पर विमर्श में लगे हुए हैं कि विधानसभा चुनाव तक तो नीतीश कुमार साथ रह सकते हैं, लेकिन, उनका रुख काफी कुछ चुनाव के नतीजों पर भी निर्भर करेगा.हालांकि, फिलहाल वह जिस तरह से लगातार एनडीए में बने रहने की अपनी बात को बार-बार दोहराते हैं,वह एनडीए में बने रहेंगे..बार-बार उनका यह दोहराना भी राजनीति के जानकारों की नजर में शक पैदा करता है. हालांकि, इसके समानांतर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह से विपक्ष को अपने निशाने पर लेते रहे हैं, इससे किसी भी तरह के राजनीतिक बदलाव के कयासों को वह स्वयं ही ध्वस्त करते जाते हैं. लेकिन, अब सियासत है और सियासत के बारे में कोई भी कोई पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह सकता कि जाने कब कौन सा मोड़ आ जाए. फिर तो जो विरोधी हैं वह साथ हो लें और जो साथ के हैं वह विरोधी हो जाएं.

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