नई दिल्ली। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने 24 सितंबर को पटना में अपनी विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक बुलाने का ऐलान किया है। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों और विधायक दलों के नेता, साथ ही कार्यसमिति के स्थायी व आमंत्रित सदस्य शामिल होंगे।
मुख्य एजेंडा : चुनावी रणनीति और सीट बंटवारा
बैठक का मुख्य एजेंडा बिहार में पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार करना, सीट-बंटवारे पर चर्चा करना और चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसईआर) की प्रक्रिया पर सवाल उठाना होगा।
मतदाता सूची से नाम हटाने का आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि एसईआर (SIR) के बहाने बड़े पैमाने पर दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीब वर्गों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर मृत या डुप्लीकेट नाम जोड़े जाने और जीवित मतदाताओं के नाम काटे जाने की शिकायतें भी दर्ज कराई हैं।
‘वोट चोरी’ का मुद्दा बनेगा बड़ा सवाल
बैठक में ‘वोट चोरी’ का मुद्दा भी जोरदार ढंग से उठने की उम्मीद है। राहुल गांधी ने हाल में अपनी सभाओं में इस आरोप को लगातार दोहराते हुए कहा है कि जनता के अधिकारों से खिलवाड़ हो रहा है और मतदाता सूचियों में हेरफेर किया जा रहा है।
गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद
इधर बिहार में महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे पर मतभेद बने हुए हैं। कांग्रेस चाहती है कि उसे पर्याप्त सीटें दी जाएँ, जबकि अन्य दल पिछले नतीजों के आधार पर कम सीटें देने के पक्ष में हैं।
चुनाव समिति और संभावित उम्मीदवारों पर काम
इसी बीच कांग्रेस ने प्रदेश चुनाव समिति का गठन कर संभावित उम्मीदवारों और सीट वितरण की रूपरेखा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।
कांग्रेस का मकसद : कार्यकर्ताओं को मजबूत संदेश
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पटना में बैठक कर कांग्रेस पार्टी न सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं को संदेश देना चाहती है कि केंद्रीय नेतृत्व राज्य की लड़ाई में पूरी ताकत से उतरेगा, बल्कि यह भी दर्शाना चाहती है कि पार्टी चुनाव से पहले पारदर्शिता, मतदाता अधिकार और गठबंधन की मजबूती जैसे अहम मुद्दों पर गंभीर है।
Read More :