पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ एक विवादास्पद बयान देकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।
नदिया जिले में 28 अगस्त 2025 को पत्रकारों से बातचीत के दौरान, मोइत्रा ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर गृह मंत्रालय की विफलता का आरोप लगाते हुए कहा, “अगर भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाला कोई नहीं है, अगर हर रोज लोग घुस रहे हैं और हमारी मां-बहनों पर नजर डाल रहे हैं, तो सबसे पहले अमित शाह का सिर काटकर प्रधानमंत्री की मेज पर रख देना चाहिए।”
इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी और नदिया के कृष्णानगर कोतवाली थाने में मोइत्रा के खिलाफ FIR दर्ज कराई।
बीजेपी की प्रतिक्रिया और शिकायत
बीजेपी ने मोइत्रा के बयान को “अपमानजनक”, “घृणास्पद” और “लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन” करार दिया। स्थानीय बीजेपी नेता संदीप मजूमदार ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें मांग की गई कि मोइत्रा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर लिखा, “यह बयान टीएमसी की जहरीली सोच और हिंसक संस्कृति को दर्शाता है, जो बंगाल की छवि को धूमिल कर रही है।” बीजेपी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह टीएमसी का आधिकारिक रुख है, और यदि नहीं, तो पार्टी को मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई कर माफी मांगनी चाहिए।
मोइत्रा का तर्क और संदर्भ
महुआ मोइत्रा ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त 2025 के लाल किले के भाषण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने घुसपैठ और जनसांख्यिकी बदलाव का जिक्र किया था। मोइत्रा ने कहा कि सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की है, और अमित शाह इस मोर्चे पर विफल रहे हैं। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (BSF) की भूमिका पर भी सवाल उठाए, दावा किया कि स्थानीय लोग BSF से डरते हैं और घुसपैठ का कोई स्पष्ट सबूत नहीं है।
सियासी बवाल और टीएमसी की चुप्पी
इस बयान ने देशभर में बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे टीएमसी की हताशा का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इसे केंद्र सरकार की आलोचना का हिस्सा बता रहे हैं। टीएमसी ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, और मोइत्रा ने भी शिकायत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह घटना बिहार में पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्दों के विवाद के साथ जुड़कर विपक्ष और बीजेपी के बीच सियासी तनाव को और बढ़ा रही है।
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