अभी भारतीय खुदरा बाजार में सोने का भाव 91 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम को भी पार कर चुका है. बीते एक साल में ही सोने की कीमतों में 35 से 40 फीसदी का उछाल आ चुका है और 2025 में सोना अब तक करीब 10 हजार रुपये महंगा हो चुका है।
अमेरिकी विश्लेषक फर्म मॉर्निंगस्टार का दावा है कि सोने की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे निवेशकों को फायदा हो रहा है लेकिन उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ रहा है. लेकिन, अगले कुछ महीने में सोने की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है. यह गिरावट 38% से भी ज्यादा रहने का अनुमान है।
कितनी कम हो जागएी कीमत
भारतीय बाजारों में अभी 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब है और ग्लोबल मार्केट में यह 3,100 डॉलर प्रति औंस से ऊपर है. मॉर्निंगस्टार के अनुसार, अगर इसमें लगभग 40% की संभावित गिरावट आती है तो भारत में इयकी कीमत करीब 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकती है. मॉर्निंगस्टार के रणनीतिकार जॉन मिल्स का मानना है कि सोने की कीमतें ग्लोबल मार्केट में गिरकर 1,820 डॉलर प्रति औंस तक आ सकती हैं, जो बड़ी गिरावट होगी।
क्या होगी इस गिरावट की वजह
हाल ही में सोने की कीमतों में उछाल आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई की चिंताओं और भू-राजनीतिक तनावों के कारण आया है. निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में चुना, खासकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान शुरू हुए व्यापार युद्ध के बीच. अब कई ऐसे फैक्टर हैं जो इन कीमतों को नीचे ला सकते हैं।
सोने की बढ़ती सप्लाई : सोने का उत्पादन काफी बढ़ गया है. 2024 की दूसरी तिमाही में खनन से होने वाला मुनाफा करीब 950 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया. वैश्विक भंडार भी 9% बढ़कर 2,16,265 टन हो गए हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने काफी उत्पादन बढ़ाया है और रीसाइकिल सोने की सप्लाई में भी तेजी आई है.