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Custom Duty Cut: कच्चे खाद्य तेल पर 50% की राहत से थमेगी महंगाई

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Custom Duty Cut: कच्चे खाद्य तेल पर 50% की राहत से थमेगी महंगाई

Custom Duty Cut कच्चे खाद्य तेल पर 50% की राहत से थमेगी महंगाई क्या है सरकार का निर्णय?

केंद्र सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए एक अहम फैसला लिया है। Custom Duty Cut के तहत सरकार ने कच्चे खाद्य तेल (Crude Edible Oil) पर लगने वाली बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य है— देश में बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करना और उपभोक्ताओं को राहत देना।

किन उत्पादों पर असर पड़ेगा?

इस कटौती का असर मुख्यतः इन खाद्य तेलों पर देखने को मिलेगा:

  • सोयाबीन तेल (Soybean Oil)
  • सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil)
  • पाम तेल (Palm Oil)

इनमें से अधिकांश खाद्य तेल भारत में विदेशों से आयात किए जाते हैं और रसोई घर की लागत में बड़ा हिस्सा रखते हैं।

Custom Duty Cut: कच्चे खाद्य तेल पर 50% की राहत से थमेगी महंगाई
Custom Duty Cut: कच्चे खाद्य तेल पर 50% की राहत से थमेगी महंगाई

Custom Duty Cut का असर

1. खुदरा कीमतों में गिरावट

ड्यूटी में 50% की कटौती से कच्चे तेल की आयात लागत घटेगी, जिससे बाजार में सप्लाई सस्ती होगी और खुदरा कीमतों में गिरावट आ सकती है।

2. घरेलू रिफाइनिंग को बढ़ावा

कच्चे और परिष्कृत तेलों के बीच शुल्क अंतर अब लगभग 19.25% हो गया है, जिससे घरेलू रिफाइनिंग कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।

3. उपभोक्ता को सीधा लाभ

सरकार ने तेल कंपनियों और वितरकों से अपील की है कि वे Custom Duty Cut का लाभ उपभोक्ताओं को सीधे ट्रांसफर करें।

इसके लिए MRP और थोक मूल्य को जल्द अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं।

महंगाई पर पड़ने वाला असर

देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी काफी अधिक है।

तेल जैसे अनिवार्य उत्पादों की कीमत में गिरावट से रसोई बजट में सीधी राहत मिलेगी।

सितंबर 2024 के बाद जब ड्यूटी बढ़ाई गई थी, तब उपभोक्ता स्तर पर तेल की कीमतों में 10–15% तक उछाल देखा गया था।

अब यह कटौती इस असर को उलट सकती है।

Custom Duty Cut: कच्चे खाद्य तेल पर 50% की राहत से थमेगी महंगाई
Custom Duty Cut: कच्चे खाद्य तेल पर 50% की राहत से थमेगी महंगाई

सरकार की रणनीति क्या कहती है?

  • यह निर्णय देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में है।
  • साथ ही, यह आर्थिक असंतुलन और खुदरा महंगाई को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया एक संतुलित कदम है।
  • Custom Duty Cut जैसे फैसले सरकार के pro-consumer नीति का संकेत देते हैं।

कस्टम ड्यूटी में कटौती से केवल व्यापारी या रिफाइनरी ही नहीं, बल्कि हर वह उपभोक्ता लाभान्वित होगा जो अपनी रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए खाद्य तेल पर निर्भर है। आने वाले दिनों में यदि सप्लाई चैन और वितरण सही ढंग से संभाले जाते हैं, तो महंगाई पर निश्चित तौर पर लगाम लगेगी।

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